मणिपुर की इंफाल घाटी में 16 नवंबर को विधायकों के आवासों पर हुई तोड़फोड़ और आगजनी की घटना में शामिल होने के आरोप में 7 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना के बाद पुलिस ने कुल 41 लोगों को गिरफ्तार किया है। काकचिंग जिले से शुक्रवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया और अब तक इस मामले में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की संख्या 41 तक हो गई है।
"सीसीटीवी के जरिए संदिग्धों की पहचान"
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि 16 नवंबर को प्रदर्शन के दौरान मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों को लूटने में शामिल संदिग्धों की पहचान की जा चुकी है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी के जरिए संदिग्धों की पहचान की गई और कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, "लोकतांत्रिक आंदोलन के नाम पर कुछ गिरोहों ने मंत्रियों और विधायकों के घरों में लूटपाट और आगजनी की। मुझे यह कहते हुए शर्म आती है कि मणिपुर में ऐसी घटनाएं हो रही हैं।"
मंत्री ने घर की बढ़ाई सुरक्षा
बीते दिनों एक खबर आई थी कि मणिपुर के एक मंत्री ने भीड़ के हमले से बचने के लिए इंफाल पूर्वी जिले में स्थित अपने पैतृक घर के चारों ओर कांटेदार तार की बाड़ और लोहे का जाल तैयार करवाया है। साथ ही सुरक्षाबलों के लिए अस्थायी बकंर की भी व्यवस्था की है। मणिपुर के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री एल. सुसिंद्रो मेइती के खुरई स्थित पैतृक घर पर 16 नवंबर को भीड़ ने हमला कर दिया था। मंत्री ने बताया कि पिछले साल 3 मई को हुए हमले के बाद से तीसरी बार 16 नवंबर को उनकी संपत्तियों पर हमला किया गया।
गुस्साई भीड़ ने 16 नवंबर को कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की थी। इस घटना का जिक्र करते हुए सुसिंद्रो ने बताया, "मैं उस दिन घर में मौजूद नहीं था। दोपहर के वक्त बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष आए और मेरे परिवार के सदस्यों ने उनसे बात की जिसके बाद वे चले गए।" मंत्री ने बताया, ‘‘शाम को करीब 6:30 बजे करीब 3,000 लोगों ने मेरे घर में घुसने की कोशिश की और गोलियां चलाईं। बीएसएफ के जवानों सहित सुरक्षा बलों ने मुझसे पूछा कि इस स्थिति में क्या किया जाना चाहिए, मैंने उनसे कहा कि भीड़ को कोई नुकसान न पहुंचाएं। हालांकि उन्हें तितर-बितर करने के लिए उन्होंने हवा में गोलियां चलाईं।"
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