महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को प्रचंड जीत मिली है. चुनाव में महायुति के सामने उद्धव ठाकरे, शरद पवार और राहुल गांधी की पार्टी थी. मुक़ाबाला टक्कर का था, क्योंकि इस चुनाव में ये भी तय होना था कि बीजेपी असली शिवसेना कौन है और अजित पवार और शारदा पवार में किसका पावर महारष्ट्र में ज्यादा हैं? लेकिन, सबसे ज्यादा दबाव शिवसेना (शिंदे गुट) और एकनाथ शिंदे के कंधों पर था. उन्हें इस चुनाव में साबित बहुत कुछ करना था. एकनाथ शिंदे को लेकर राज्य में धोखेबाज और गद्दार जैसा नैरेटिव बनाने की कोशिश की गई.
अब परिणाम सबके सामने है. एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना ने इतिहास रच दिया. इस चुनाव में शिंदे शिवसेना ने 80 सीटों पर चुनाव लड़कर 57 सीट अपने नाम किया. शिवसेना (शिंदे) ने चुनाव जीतकर महारष्ट्र में इतिहास रच दिया. शिवसेना ने महायुति की बड़ी जीत में बड़ी भूमिका रच दिया. महायुति को 288 मे 235 सीटों पर जीत मिली. ये कैसे संभव हुआ? बाजी कैसे बदली और इतिहास कैसे बना? राह आसान नहीं था, लेकिन इसके पीछे बैकग्राउंड में काम करने वाली एजेंसी ‘शोटाइम’ ने बड़ी भूमिका अदा की. शोटाइम ने ऐसी रणनीति बनाई, जिससे विपक्ष चित हो गया.
इमेज बिल्डिंग से योजनाओं की जनता तक पहुंच
शोटाइम कंसल्टेंसी के संस्थापक निदेशक रॉबिन शर्मा, इनके सहयोगी अनुराग सक्सेना और अनंत तिवारी की टीम ने वो कर दिखाया जो शुरुआत में असंभव सा दिख रहा था. महारष्ट्र चुनाव में इनकी टीम ने कैंपेन का ऐसा घेरा बनाया जिसको विपक्ष भेद नहीं पाई. इनकी टीम दिन रात लगी रही. साल 2022 में एकनाथ शिंदे शिवसेना से अलग होकर बीजेपी के साथ खड़े हो गए. उस समय उन्हें गद्दार कहा जाने लगा. शोटाइम कंसल्टेंसी शिवसेना शिंदे के साथ जुड़ी और इमेज बिल्डिंग के साथ एकनाथ शिंदे की सभी योजनाओं को जनता तक कैसे बेहतर तरीके से पहुंचाया जाए उनपर काम करना शुरू किया. रॉबिन शर्मा ने ‘मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना’ को प्रमोट कर एकनाथ शिंदे को लड़का भाऊ का पहचान दिया. अलाम यह कि एकनाथ शिंदे ने इस चुनाव में महारष्ट्र के एक कद्दावर नेता के रूप में खुद को साबित कर दिया है.
रॉबिन शर्मा ने प्रशांत किशोर भी दी है पटखनी
ऐसा नहीं है की शोटाइम महाराष्ट्र में ही अपना बेस्ट किया हो. इससे पहले रॉबिन शर्मा की शोटाइम कंसल्टेंसी ने आंध्र प्रदेश में हारी बाजी जीत में तब्दील कर दी थी. शोटाइम ने आंध्र प्रदेश में TDP के लिए काम किया. आलम यह रहा कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में TDP को बड़ी जीत मिली. उस चुनाव में रॉबिन शर्मा का मुक़बाला प्रशांत किशोर से था जो जगन मोहन रेड्डी के लिए काम कर रहे थे. लेकिन, रॉबिन शर्मा के सामने प्रशांत किशोर और ऋषिराज की नहीं चली और चन्द्राबाबू नायडू ने इतिहास रच दिया.
पीएम मोदी से नाता
रॉबिन शर्मा भारत में चुनाव रणनीतिकार के पोस्टर ब्वॉय प्रशांत किशोर के शिष्य हैं, जिन्हें साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान की रणनीति बनाने का श्रेय दिया जाता है. साल 2014 चुनाव में भी प्रशांत किशोर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए उन्होंने बड़ी रणनीति तैयार किया. उस वक़्त प्रशांत किशोर के इमेज में वो लाइम लाइट में नहीं आए, लेकिन पिछले आंध्र प्रदेश और अब महारष्ट्र चुनाव परिणाम ने कई बातें साफ कर दी हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 23:17 IST