Agency:News18 Uttarakhand
Last Updated:February 11, 2025, 22:53 IST
Magh Purnima Upay: श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने लोकल 18 से कहा कि माघ पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन किए गए स्नान, दान और पूजा-अर्...और पढ़ें
गृह दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय.
ऋषिकेश. हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है. माघ माह की पूर्णिमा विशेष रूप से पुण्यदायी होती है क्योंकि इस दिन गंगा स्नान, दान और जप-तप का महत्व बढ़ जाता है. इस वर्ष माघ पूर्णिमा 12 फरवरी 2025 दिन बुधवार को मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन देवगण पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं और जो भी श्रद्धालु इस पावन दिन पर पवित्र नदियों में स्नान करके दान करते हैं, उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इस वर्ष माघ पूर्णिमा का महत्व इसलिए और भी बढ़ गया है क्योंकि यह महाकुंभ के विशेष संयोग के साथ आ रही है.
उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने लोकल 18 से कहा कि माघ पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन किए गए स्नान, दान और पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी ग्रह दोष शांत होते हैं. इस वर्ष माघ पूर्णिमा महाकुंभ के संयोग में आने से और भी शुभ और फलदायी हो गई है. इस विशेष अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को पुण्य लाभ प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. जो भी व्यक्ति इस दिन विधिपूर्वक पूजा-अर्चना, दान और स्नान करता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.
माघ पूर्णिमा का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी 2025 को शाम 6:55 बजे शुरू होगी और 12 फरवरी को शाम 7:22 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार, यह पर्व 12 फरवरी को मनाया जाएगा. इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण स्वरूप में होते हैं और सूर्य के साथ सम सप्तक में स्थित होते हैं, जिससे इस तिथि का प्रभाव और भी बढ़ जाता है. पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा के अधीन माना गया है. इस दिन चंद्र देव की विशेष पूजा करने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि की प्राप्ति होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए स्नान, दान और पूजा कई गुना फल देते हैं.
माघ पूर्णिमा पर स्नान और दान का महत्व
माघ पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन स्नान के बाद भगवान विष्णु, शिव और चंद्र देव की पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है. दान करना भी इस दिन अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है. माघ पूर्णिमा पर किए गए दान का कई गुना फल मिलता है. इस दिन निम्नलिखित वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है, जैसे- तिल, गुड़ और कंबल का दान, अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान, चावल, दूध और घी का दान, गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराना.
ग्रह शांति के लिए विशेष उपाय
माघ पूर्णिमा पर ग्रहों की शांति के लिए कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा और भाग्य का साथ प्राप्त होता है.
1. चंद्रमा की शांति के लिए – सफेद चंदन, दूध, चावल और श्वेत वस्त्र का दान करें. इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से मानसिक शांति मिलती है.
2. सूर्य दोष निवारण के लिए – प्रातः सूर्य को तांबे के लोटे में जल, गुड़ और लाल फूल मिलाकर अर्घ्य दें.
3. शनि ग्रह की कृपा के लिए – गरीबों को तिल, सरसों का तेल और काले वस्त्र दान करें.
4. राहु-केतु दोष निवारण के लिए – शिवलिंग का जलाभिषेक करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
5. मंगल दोष शांति के लिए – हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें.
पूजा विधि
माघ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करना चाहिए और गंगा, यमुना या किसी भी पवित्र नदी में स्नान का संकल्प लेना चाहिए. अगर यह संभव न हो, तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है. स्नान के बाद भगवान विष्णु, शिव और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. इस दिन तुलसी पूजन और दीपदान का भी विशेष महत्व होता है. शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ फल प्रदान करता है.
Location :
Rishikesh,Dehradun,Uttarakhand
First Published :
February 11, 2025, 22:53 IST
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