मिर्गी के दौरों से चाहिए मुक्ति तो करना होगा ये काम, मिल जाएगी नई जिंदगी

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Agency:News18 Uttarakhand

Last Updated:February 11, 2025, 22:34 IST

Mirgi ke daure ke liye yoga : इससे बचने के लिए योग काफी काम आ सकता है. बस इसके रोगियों को नियमित योगाभ्यास करना होगा. नियमित रूप से इन आसनों को करने से आप मिर्गी के दौरों से छुटकारा पा सकते हैं.

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मिर्गी

मिर्गी के लिए योगासन करता योगा ट्रेनर.

हाइलाइट्स

  • मिर्गी के दौरों से बचने के लिए नियमित योग करें.
  • पश्चिमोत्तानासन और हलासन से दौरे कम हो सकते हैं.
  • नाड़ी शोधन प्राणायाम से ऑक्सीजन बढ़ता है.

अल्मोड़ा. मिर्गी का दौरा बड़ा खतरनाक रोग है. जिनके सिर पर चोट लगी हो, सिर में ट्यूमर हो या जिनकी मानसिक स्थिति ठीक न हो उन्हें ये दौरे बार-बार पड़ते हैं. मिर्गी का दौरा कहीं पर भी किसी को भी पड़ सकता है. कई बार लोग इसकी वजह से गिर जाते हैं, जिससे उन्हें चोट लगने का खतरा बना रहता है. कुछ योग के आसनों को करके मिर्गी के दौरे से कुछ हद तक छुटकारा पा सकते हैं. अल्मोड़ा के योगनिलम संस्थान के योग ट्रेनर अमितेश सिंह बताते हैं कि अगर आप नियमित रूप से इन आसनों को करते हैं तो आप मिर्गी के दौरों से छुटकारा पा सकते हैं.

योगा ट्रेनर आदित्य गुरुरानी कहते हैं कि मिर्गी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसके अलग-अलग प्रकार देखे जाते हैं. मिर्गी के लिए भी अलग-अलग योगासन है. पश्चिमोत्तानासन, हलासन और कुछ प्राणायाम करके आप मिर्गी के दौरे को कुछ हद तक इस कम कर सकते हैं. सुबह और शाम ये योगासन करने की जरूरत है.

पश्चिमोत्तानासन

इसे करने के लिए आप दंडासन में बैठ जाएं. धीरे-धीरे अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए अपने दोनों पैर को छूने की कोशिश करें. दोनों हाथ की कोहनी जमीन में लगानी है और आपकी नाक आपके पैर के घुटनों में लगी होनी चाहिए. इस आसन में आप कुछ देरी तक रुक सकते हैं.

हलासन

इसे करने के लिए आप पीठ के बल लेट जाएं. धीरे-धीरे अपने दोनों पैरों को ऊपर ले जाते हुए अपने सिर के पीछे की ओर रख लेें और अपनी कमर को अपने हाथों के सहारे सपोर्ट देें. हलासन को आप 1 मिनट तक होल्ड कर सकते हैं. उसके बाद धीरे-धीरे अपने पैरों को दोबारा इस पोजीशन में लाकर इसे रिपीट कर सकते हैं.

नाड़ी शोधन प्राणायाम

इसे करने के लिए आपको अपने बाएं हाथ के अंगूठे से नाक बंद करते हुए दूसरी नाक से सांस लेनी है. फिर अपने दाएं अंगूठे को हटाते हुए वहां से सांस छोड़नी है. इसी प्रक्रिया को आप दोहरा सकते हैं. इसमें आप जितनी देर तक सांस रोकते हैं उससे उतना फायदा मिलता है. नाड़ी शोधन प्राणायाम करने से ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में मिलती है. जो भी शरीर में ब्लॉकेज होता है, वो खुल जाता है.

Location :

Almora,Uttarakhand

First Published :

February 11, 2025, 22:34 IST

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