मूंगफली की फसल में दिखे ये लक्षण तो अलर्ट हो जाएं, नहीं तो होगा भारी नुकसान!

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Agency:Local18

Last Updated:February 11, 2025, 23:21 IST

Peanut farming: गर्मियों में मूंगफली की फसल को जड़ सड़न, अग्रकलिका सूखने, पत्तियों के सूखने और अफलाटॉक्सिन जैसे खतरनाक रोगों से नुकसान हो सकता है. सही तकनीक, बीज उपचार, सिंचाई और दवाइयों के उपयोग से किसान अपनी ...और पढ़ें

मूंगफली की फसल में दिखे ये लक्षण तो अलर्ट हो जाएं, नहीं तो होगा भारी नुकसान!

मूंगफली की खेती

गर्मी का मौसम करीब आ रहा है, और कई किसान मूंगफली की बुवाई की तैयारी में जुट चुके हैं. बोटाद जिले जैसे क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में बड़े पैमाने पर मूंगफली की खेती होती है. इस फसल से किसानों को बेहतर उत्पादन की उम्मीद होती है, लेकिन कई बार रोग और कीटों के प्रकोप से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है. बोटाद जिला कृषि विशेषज्ञ हीरजीभाई भिंगराडिया के अनुसार, यदि इन रोगों का समय पर नियंत्रण किया जाए तो नुकसान को कम किया जा सकता है.

मूंगफली में जड़ सड़न का खतरा
गर्मियों में मूंगफली की फसल को सबसे अधिक खतरा जड़ सड़न रोग से होता है, जो फफूंद के कारण होता है. यह रोग आमतौर पर बुवाई के दो महीने बाद दिखाई देता है. जमीन के बढ़ते तापमान के कारण जड़ों में संक्रमण होता है, जो धीरे-धीरे तने और पत्तियों तक फैल जाता है. तने पर पानी जैसे धब्बे और पत्तियों पर अनियमित धब्बे इसका संकेत होते हैं.

इस रोग से बचाव के लिए गहरी जुताई आवश्यक है. बुवाई से पहले बीजों को थायरम जैसी दवा से उपचारित करें. साथ ही, खेत में उचित मात्रा में खाद और सिंचाई का ध्यान रखने से इस रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

अग्रकलिका सूखने की समस्या
यह एक वायरल रोग है, जिसमें शुरुआत में पौधे की अग्रकलिका पीली पड़ने लगती है और धीरे-धीरे पूरी फसल प्रभावित होती है. पत्तियां विकृत हो जाती हैं, और पौधे के तने पर अनगिनत छोटी कलिकाएं उगने लगती हैं. अगर समय पर नियंत्रण नहीं किया गया तो पौधा पूरी तरह सूख सकता है.

इससे बचने के लिए समय पर बुवाई करें और रोग प्रतिरोधक किस्मों का चुनाव करें. साथ ही, खरपतवार नियंत्रण और फसल चक्र अपनाने से इस बीमारी को रोका जा सकता है.

पत्तियों का सूखना (अल्टरनेरिया फफूंद रोग)
यह रोग फफूंद के कारण होता है, जिसमें पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे बनते हैं. ये धब्बे धीरे-धीरे पूरे पत्ते में फैल जाते हैं और उसे सुखा देते हैं. यह समस्या गर्मियों की मूंगफली की फसल में अधिक देखी जाती है.

रोग के नियंत्रण के लिए मैन्कोजेब, क्लोरोफेलोनिल या प्रोपिकोनाजोल दवा का छिड़काव करें. गर्मियों में गहरी जुताई और संक्रमित पौधों के अवशेषों को हटाने से भी इसका प्रभाव कम किया जा सकता है.

अफलाटॉक्सिन रोग का प्रकोप
जब खेत में मूंगफली की फसल पकने के दौरान बीजों में अधिक नमी होती है, तो एस्परगिलस नामक फफूंद उसमें प्रवेश कर सकता है. इससे बीज संक्रमित हो जाते हैं और फसल की गुणवत्ता खराब हो जाती है. संक्रमित मूंगफली का सेवन मनुष्यों और जानवरों के लिए हानिकारक हो सकता है.

First Published :

February 11, 2025, 23:21 IST

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