मोबाइल और टीवी पर स्नैक कैप्चरिंग सीखकर बचाया 1200 से ज्यादा सांपों की जान

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1200 से ज्यादा सांपों का कर चुके रेस्क्यू

 सीकर जहरीले जंतुओं को पकड़ना कोई आम बात नहीं है, कोई एक्सपर्ट ही इसका रेस्क्यू कर सकता है. जहरीले जानवरों के रेस्क्यू टीम के अलावा भी अनेकों ऐसे स्नैक कैप्चर हैं जो इन जीवों को बचाने के लिए काम करते हैं. सीकर जिले के रींगस में बबलू सिंह स्नैक कैप्चर है जो जान जोखिम में डालकर सांपों को बचा रहा है. बबलू को क्षेत्र के लोग सांपों का दोस्त के नाम से जानते हैं.

1200 से ज्यादा सांपों का कर चुके रेस्क्यू
बबलू सिंह सांपों का रेस्क्यू करने का काम 4 साल से कर रहे हैं. वे पिछले 5 साल में लगभग 1200 से अधिक सांपों का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ चुके है. बबलू सिंह बताते हैं टीवी और मोबाइल पर सांपों को पकड़ने का वीडियो देख कर सांपों का रेस्क्यू करना सीखा है.

इस तरह शुरू हुई सांप का दोस्त बनने की जर्नी
बबलू सिंह ने बताया कि उनके घर में सांप आ गया था. आसपड़ोस में सांप पकड़ने वाला कोई भी व्यक्ति नहीं था. वन विभाग की रेस्क्यू टीम को जानकारी होने के बावजूद अधिक दूरी होने के कारण आने में काफी समय लगता, इसलिए मैंने बिना डरे सांप का रेस्क्यू कर उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया. उसके बाद से बबलू सिंह सांप रेस्क्यू का काम कर रहे हैं. इस बात को लेकर बबलू के माता-पिता उनसे काफी नाराज हुए थे.

सांपों को बचाने के लिए शुरू किया रेस्क्यू का काम
घर में ही बिना डरे सांप पकड़ने के बाद बबलू सिंह क्षेत्र में जब भी सांप आता है तो वे उसका रेस्क्यू करते हैं. उनका कहना है कि कई जगहों पर सांप निकलने पर लोग उसे लाठी डंडों से पीट कर मार देते है, यह ठीक नहीं है. सांप खुद के बचाव के लिए एक सुरक्षित जगह ढूंढता रहता है इसलिए अनजाने में घर में घुस आता है. जब तक उसे कोई परेशान नहीं करता है तब तक वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन लोग सांप को देखते ही उसे मार देते हैं. इसलिए उन्होंने ठाना की सांप रेस्क्यू का काम जारी रखेंगे.

लोगों की बदल रही है सोच

बबलू ने बताया कि के जब भी आसपास किसी के घर में सांप आ जाता है तो उन्हें सूचना मिल जाती है, सूचना मिलने के तुरंत बाद ही वे सांप को पकड़ने के लिए पहुंच जाते हैं, वहा सांप का रेस्क्यू करते हैं. इसके बाद सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ देने के उनके इन प्रयासों ने इलाके के लोगों की सांपों के प्रति सोच ही बदल रही है.

सांप मरने के आंकड़ों में काफी गिरावट
क्षेत्र में प्रति वर्ष घर में घुस आए सांपों के कारण सैकड़ों लोग सर्प दंश का शिकार होते हैं. हजारों की संख्या में सांपों को मारा भी जाता है. बबलू सिंह के सांपों का रेस्क्यू करने के बाद इन आंकड़ों में बहुत ज्यादा गिरावट आई है. अब घरों में सांप घुसते ही लोग सांप मारने वालों के बजाए बबलू सिंह को याद करते हैं. वे उस सांप को पकड़ लाते हैं और उसे जंगल में छोड़ देते हैं.

सांप के काटने की बाद भी जारी रखा रेस्क्यू का काम
पिछले 5 वर्ष से बाबलू यही काम कर रहे हैं और वे अब तक 1200 से अधिक सांपों को पकड़ कर जंगल में छोड़ चुके हैं. वे इस कम कोई शुल्क नहीं लेते हैं. एक बार तो रींगस के सिटी बस स्टैंड पर सांप का रेस्क्यू करते समय सांप ने उन्हें काट लिया था लेकिन जख्मी हालत में भी उन्होंने सांप का रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ा था.

Tags: Local18, Sikar news, Snake Rescue, Snake rescue operation

FIRST PUBLISHED :

November 21, 2024, 20:55 IST

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