Agency:News18 Uttarakhand
Last Updated:February 06, 2025, 21:42 IST
Gwal Kunj Sweet : जब पहाड़ में ज्यादा संसाधन नहीं हुआ करते थे, तो लोग अपने पारंपरिक रिवाज निभाने के लिए अनूठे तरीके अपनाते थे. इन्हीं में से एक तरीका मेहमानों को नारियल और गुड़ को मिठाई खिलाना भी था.
पहाड़ की अनोखी मिठाई
बागेश्वर. उत्तराखंड के बागेश्वर में कई पारंपरिक रिवाज सदियों से निभाएं जाते रहे हैं. इन्हीं में से एक रिवाज शादी से जुड़ा है. जब पहाड़ में अधिक संसाधन नहीं हुआ करते थे, तब पहाड़ के लोग पारंपरिक रिवाज निभाने के लिए अनूठे तरीके अपनाते थे. इन्हीं में से एक तरीका नारियल और गुड़ (मिश्री) को मिठाई के रूप में देना भी है. पुराने समय में इन दोनों को पहाड़ी मिठाई कहा जाता था. उत्तराखंड के कुमाऊं में आज भी ये रिवाज बखूबी निभाया जाता है. इस मिठाई को स्थानीय भाषा में ‘ग्वल कुंज’ कहते हैं. ग्वल का मतलब नारियल और कुंज का अर्थ मिश्री या गुड़ है. पहाड़ में आज भी रिश्ता पक्का करते समय लड़का पक्ष की ओर से नारियल दिया जाता है.
मिठाई नहीं सगुन
बागेश्वर के रहने वाले विरेंद्र सिंह लोकल 18 से कहते हैं कि पहाड़ के लोग आज भी ऐसे कई अनोखे पारंपरिक रिवाज निभाते हैं. पुराने समय में पहाड़ की शादियों में रिश्ता पक्का करने के लिए नारियल और गुड़ या मिश्री लेकर जाया जाता था. इस मिश्रण को पहाड़ की मिठाई भी कहा जाता है. पहाड़ के लोग इस मिठाई को सगुन मानते हैं. इस मिठाई को देने पर पहाड़ में लड़का-लड़की का विवाह के लिए रिश्ता पक्का माना जाता है.
शुभ काम में शुभ
विरेंद्र बताते हैं कि पहले समय में यदि किसी व्यक्ति को लड़की पसंद आ गई, तो उसके परिवार वाले लड़की के घर जाकर ग्वल कुंज देकर आते थे. इसका मतलब होता था कि हमें आपकी लड़की पसंद हैं, और हम अपने लड़के के साथ उसकी शादी करना चाहते हैं. ग्लव कुंज मिठाई देने परिवार के बुजुर्ग ही जाते थे. शुभ कार्य में भी गांव में इसी मिठाई को बांटा जाता था. उस समय में शहर से गांव आने वाले लोग भी गांव के लोगों और अपने परिजनों के लिए ग्वल कुंज लेकर आते थे.
इसे लाने वाला अमीर
पहाड़ों में मान्यता थी कि जो व्यक्ति शादी का रिश्ता पक्का करते समय ग्वल कुंज लेकर आया है, वो आर्थिक और सामाजिक रूप से संपन्न है. इससे अंदाजा लगाया जाता था कि इस परिवार में हमारी लड़की खुश रहेगी. ग्वल कुंज लाने वाले व्यक्ति को अमीर समझा जाता था. उस समय जब कोई मेहमान पहाड़ आते तो उन्हें भी पानी पिलाने के बाद ग्वल कुंज खिलाया जाता था. पहाड़ के लोग आज भी ग्वल कुंज खाते हैं. ये खाने में भी स्वादिष्ट होता है और पहाड़ की इकलौती ऐसी मिठाई है जिसे लंबे समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है. ये मिठाई लंबे समय तक खराब नहीं होती है.
Location :
Bageshwar,Uttarakhand
First Published :
February 06, 2025, 21:42 IST