गाजियाबादः गाजियाबाद पुलिस ने 31 साल बिछड़े एक बेटे को उसके परिवार से मिला दिया। 1993 में साहिबाबाद इलाके से लापता हुआ 7 साल का राजू उर्फ पन्नू 31 साल बाद परिवार के पास लौट आया। राजू ने अपनी दास्तां सुनाई, जिसमें उसने राजस्थान में बंधक बनाकर रखे जाने और अमानवीय हालातों में जीने का दर्द बयान किया।
1993 को हुआ था राजू का अपहरण
राजू ने बताया कि 8 सितंबर 1993 को वह अपनी बहन के साथ स्कूल से लौट रहा था, तभी उसका अपहरण कर लिया गया। उसे राजस्थान ले जाया गया, जहां उसे बुरी तरह मारा-पीटा गया। दिनभर कठोर काम कराया जाता और खाने को सिर्फ एक रोटी दी जाती। रात में उसे बांधकर रखा जाता था। राजू ने बताया कि जिस परिवार ने उसे बंधक बनाया था, वहां उनकी छोटी बेटी ने उसे हनुमान जी की उपासना करने की सलाह दी। उसने राजू को भागने के लिए प्रोत्साहित किया। मौका पाकर राजू एक ट्रक गें छिपकर राजस्थान से दिल्ली पहुंच गया।
गाजियाबाद पुलिस की मेहनत रंग लाई
राजू के मुताबिक, वह दिल्ली में कई पुलिस थानों में मदद के लिए गया, लेकिन उसे किसी ने नहीं सुना। इतने सालों में वह अपना इलाका और घर भी भूल चुका था। लेकिन 22 नवंबर को खोड़ा थाने पहुंचने पर कहानी ने नया मोड़ लिया। खोड़ा पुलिस ने राजू को खाना-पीना मुहैया कराया और उसकी कहानी को सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाया।
इस प्रयास का नतीजा यह हुआ कि राजू के चाचा ने उसे पहचान लिया और परिवार को खबर दी। राजू का परिवार जब खोड़ा थाने पहुंचा, तो पूरे माहौल में भावुकता छा गई। 31 साल से लापता बेटे को पाकर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। राजू ने अपने दर्द भरे दिनों को याद करते हुए कहा, मैंने सोचा नहीं था कि कभी अपने परिवार को दोबारा देख पाऊंगा।
पुलिस ने दी ये जानकारी
राजू के परिवार ने पुलिस का धन्यवाद किया। राजू की पिता तुलाराम बिजली विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। परिवार में उसकी 3 बहन है। इस मामले में एसीपी साहिबाबाद रजनीश उपाध्याय ने बताया कि कि थाना खोड़ा पर एक युवक भीम सिंह पहुंचा जिसने बताया कि 30 वर्ष पूर्व उसका साहिबाबाद से अपहरण कर लिया गया था। 30 वर्ष पूर्व इस संबंध में थाना साहिबाबाद पर अभियोग पंजीकृत किया गया था। जांच पड़ताल के बाद शहीदनगर में रहने वाले युवक के परिजनों से उसको मिलवा दिया गया है।
रिपोर्ट- जुबेर अख्तर, गाजियाबाद