रबी की फसल में अच्छे उत्पादन के लिए जरुर करें यह काम, पैदावार में मिलेगी बढ़त

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मूंगफली

मूंगफली और ग्वार की कटाई पूरा पकाने के बाद करें.

सीकर. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में रबी की फसलों की बुवाई चल रही है. रबी फसल की बुवाई से पहले किसान खेत सहित मेड़ों, नालों, खेत के रास्तों को साफ-सुथरा कर लें ताकि कीटों के अंडे तथा रोगों के कारक नष्ट हो जाएं. इसके अलावा मूंगफली और ग्वार की कटाई इसे पूरा पकाने के बाद करें. कटाई के बाद किसान ग्वार को सुरक्षित स्थान पर रखें. इसके अलावा किसान अच्छे उत्पादन के लिए तापमान को ध्यान में रखते हुए चने की बुवाई इस सप्ताह कर सकते हैं. बुवाई से पहले मिट्टी में उचित नमी का ध्यान रखें.

फसल को रोगों से ऐसे बचाएं
सरसों में सफेद रोली रोग के बचाव के लिए मेंकोजेब 2.5 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें. मोयला/चेंपा से बचाव के लिए इमिडाक्लोरपीड-3 मिली प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें. चने की फसल में जड़ गलन/उक्ठा रोग की रोकथाम के लिए थाइरम-2.5 ग्राम या मेंकोजेब 2 ग्राम/प्रति किग्रा के हिसाब से उपचारित करें. दीमक के बचाव के लिए क्लोरिफायरिफॉस 20 ईसी 6 मिली/प्रति किग्रा पानी में घोल बनाकर उपचारित करें.

इसके अलावा फसल बुवाई से पूर्व बीजों का राइजोबियम और पीएसबी के टीकों (कल्चर) से अवश्य उपचार करें. इस मौसम में मटर की बुवाई कर सकते हैं. इसके बीजों को कवकनाशी केप्टान 2 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से मिलाकर उपचार करें. उसके बाद फसल विशेष राईजोबियम का टीका अवश्य लगाएं.

वहीं गुड़ को पानी में उबालकर ठंडा कर लें और राईजोबियम को बीज के साथ मिलाकर उपचारित कर सूखने के लिए किसी छायादार स्थान पर रख दें तथा अगले दिन बुवाई करें. इस समय लहसुन की बुवाई कर सकते हैं। इसकी उन्नत किस्में जी-1, जी-41, जी-50, जी 282 हैं.

मधुमक्खी पालन भी कर सकते हैं किसान 

किसान अनुदान की सहायता से आप मधुमक्खी पालन भी कर सकते हैं. आठ फेमों वाली प्रति कॉलोनी की लागत 2000 रुपए एवं मधुमक्खी पालन बॉक्स की लागत 2000 रुपए पर 40% अनुदान दिया जा रहा है. एक किसान को अधिकतम 50 कॉलोनी एवं 50 मधुमक्खी बॉक्स पर अनुदान मिल सकता है. अनुदान के लिए पात्र कृषक, पालक या प्रशिक्षण प्राप्त कृषक ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.

जिला अधिकारी द्वारा आवदेक से बी-बॉक्स, बी-कॉलोनी एवं बी-कीपिंग किट आपूर्ति के लिए पंजीकृत फमों के कोटेशन प्राप्त कर प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाती है. इसकी सूचना मोबाइल सन्देश या कृषि पर्यवेक्षक के जरिए दी जाती है. मधुमक्खी पालन योजना के लाभ के लिए उद्यान विभाग सत्यापन करता है. अधिक जानकारी उद्यान विभाग के कार्यालय से ले सकते हैं.

Tags: Agriculture, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED :

October 22, 2024, 19:04 IST

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