'लोगों की टूट रही शादियां', आजादी से अब तक इस गांव में नहीं आई सड़क

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डढ़मा

डढ़मा गांव के लोगों की तस्वीर 

गया/जहानाबाद : बेलागंज विधानसभा उपचुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, वैसे वैसे सियासी पारा हाई होने लगा है. इस बीच राजद, जेडीयू और जन सुराज पार्टियों ने अपने कैंडिडेट की घोषणा कर दी है. जेडीयू ने मनोरमा देवी पर विश्वास जताया है, वहीं, राजद ने सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ कुमार सिंह को टिकट दिया है. जन सुराज पार्टी ने मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया और प्रोफेसर खिलाफत हुसैन को मैदान में उतारा है. इन सबके बीच जनता की समस्या जानने लोकल 18 की टीम बेल्हाड़ी पंचायत के डढ़मा गांव पहुंची. यहां के लोगों का मुख्य मुद्दा विकास है. आजादी से लेकर अब तक यहां सड़क नहीं बनी है.

‘इस बार रोड नहीं तो वोट नहीं’ 
यहां के ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव पर जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान नहीं है. इस क्षेत्र में कोई ऐसा गांव नहीं होगा, जहां सड़क अच्छी नहीं होगी, बस यही एक गांव है, जहां आजादी से लेकर अब तक सड़क नहीं बनी है. इस कारण यहां के लोगों की शादियां तक नहीं हो पा रही है. यहां के युवा बहुत दिनों तक कुंवारे रह रहे हैं. इस बार हमलोगों का मुख्य मुद्दा सड़क रहेगा. रोड नहीं तो वोट नहीं का कंडीशन होगा. एक ग्रामीण ने बताया कि हमारी उम्र 30 साल हो रही है और हमारी भी अब तक शादी नहीं हुई है. यह बात सत्य है कि यहां कई लोग कुंवारे हैं. उनकी शादी सड़क अच्छी नहीं रहने से टूट रही है. यहां कोई अगुआ नहीं आता है.

‘यहां के 75 प्रतिशत युवा कुंवारे हैं’ 
ग्रामीण राम उदय कुमार गायक ने शायराना अंदाज में गांव की समस्या के बारे में कहते हैं, ‘दिल है चंचल मन है उदास, जल में खड़ा हूं लगा है प्यास, यहां के लोग तो त्राहिमाम कर रहे हैं. यहां सिर्फ समस्या ही समस्या है. घर से न निकलने की सुविधा और न बाहर से घर आने की. सड़क नहीं रहने से भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा. मकान है, लेकिन दलान ही नहीं तो मकान किस काम का? नहीं बैठाएंगे तो सवाल ही करेंगे. हमलोग अनाथ हैं. इस रास्ते से आने जाने में कई लोगों को ठेस लगा, जिसके चलते उन्हें कुष्ठ रोग हो गया. यहां पर कोई अगुआ नहीं आना चाहता है. इसके चलते यहां के युवाओं की शादी नहीं हो पा रही है. सड़क के चलते 75 प्रतिशत युवा यहां कुंवारे हैं.’

‘सड़क की समस्या विकराल’ 
गांव के अवधेश सिंह ने बताया कि यहां कोई काम ही नहीं हुआ है. सबसे बड़ी समस्या सड़क की है. हमारे पिताजी गुजर गए और हम 70 साल के हैं, लेकिन आज तक सड़क नहीं बन पाई है. बरसात में कपड़े उठाकर सड़क पार करना पड़ता है. बच्चों को कंधे पर बैठाकर स्कूल ले जाते हैं. 10 साल से यहां पानी की समस्या है. बोरिंग करवाया गया था, लेकिन उसकी स्थिति भी ठीक नहीं है. पंप घर में ताला लटका हुआ है. यहां की आंगनवाड़ी को बने करीब 15 साल हो गए, लेकिन आज तक ताला ही लटका हुआ है. 1000 से ज्यादा आबादी वाले गांव की स्थिति बदतर है. यहां पर किसी प्रतिनिधि का कोई ध्यान नहीं है.

वहीं, 80 साल के राजनन्दन सिंह कहते हैं कि इस गांव को कोई देखने वाला नहीं है. यहां आज तक विकास नहीं पहुंचा है. पहले के चुनाव में जनता का बोलबाला था, आज सब बदल गया है. आज जो नेता चाहेंगे वह होगा. यहां पर दो दो बोरिंग हुआ, लेकिन पेयजल की समस्या दूर नहीं हो पाई. इस बार उम्मीद है कि यहां से बदलाव होगा. पूरा गांव बदलाव की तैयारी में है.

Tags: Bihar News, Ground Report, Jehanabad news, Local18

FIRST PUBLISHED :

October 22, 2024, 06:33 IST

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