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लोगों ने कहा पानी की टंकी नहीं ये तो सिर्फ सजावट का सामान, उद्घाटन के बाद से पानी का दर्शन नहीं हुआ
Ground Report
पूर्वी चंपारण : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पंचायतों में पानी की समस्या को समाप्त करने और हर घर तक शुद्ध पानी पहुंचाने के उद्देश्य से नल-जल योजना शुरू की गई थी. यह योजना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट थी और सात निश्चय योजना का हिस्सा थी. हालांकि, यह योजना अधिकतर स्थानों पर धरातल पर सफल नहीं हो पाई और केवल कागजों पर सिमटकर रह गई. पूर्वी चंपारण जिले के बरहरवा लखनसेन गांव में भी नल-जल योजना की स्थिति अत्यंत खराब है. उद्घाटन के बाद केवल एक बार पानी की आपूर्ति हुई थी, लेकिन उसके बाद से ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हुआ.
बरहरवा लखनसेन के वार्ड नंबर 1 के एक युवा ने लोकल 18 से बातचीत में कहा, यहां कभी पानी आता ही नहीं है. उद्घाटन के बाद से यह योजना सिर्फ दिखावा बनकर रह गई है. एक बार पानी चालू हुआ था, उसके बाद से किसी पर्व-त्योहार के समय भी पानी की आपूर्ति नहीं होती. एक अन्य व्यक्ति ने बताया, पिछले 4-5 वर्षों से यहां पानी नहीं आया है. कई बार शिकायतें की गईं, अधिकारी आते हैं, निरीक्षण करते हैं और फिर बिना कोई कार्रवाई किए चले जाते हैं.
गांधीजी की कर्मभूमि पर योजना की विफलता
ग्रामीणों का आरोप है कि गांधीजी की कर्मभूमि पर स्थिति इतनी खराब है. उन्होंने कहा, ‘प्रथम बुनियादी स्कूल के ठीक सामने स्थित पानी की टंकी में ही भ्रष्टाचार व्याप्त है, तो बाकी जगहों का क्या हाल होगा. इससे तो चापाकल ही बेहतर था. अब यह टंकी केवल सजावट बनकर रह गई है। यहाँ एक बूंद पानी तक देखने को नहीं मिलता.’
ग्रामीणों की शिकायतों की अनदेखी
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने स्तर पर भी कई बार शिकायतें की हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है, और कोई सुधार नहीं हुआ है.
Tags: Bihar News, Champaran news, Local18
FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 23:20 IST