शरीर को बेहतर तरीके से काम करने के लिए सभी जरूरी विटामिन और मिनरल की जरूरत होती है। अगर कोई भी विटामिन कम होने लगता है तो इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। ऐसा ही जरूरी विटामिन है Vitamin E, जो वसा में घुलनशील होता है। विटामिन ई सेहत के लिए जरूरी एंटीऑक्सिडेंट है जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से बचाने और इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है। विटामिन ई हार्ट में क्लॉटिंग होने से बचाने के लिए जरूरी है। शरीर में विटामिन ई की कमी हो जाए तो ये लक्षण नजर आते हैं।
विटामिन ई की कमी के लक्षण
- मांसपेशियों में कमजोरी
- चलने-फिरने में कठिनाई
- हाथ-पैरों का सुन्न होना
- आंखों से जुड़ी परेशानी
- इम्यून सिस्टम कमजोर
- बार-बार बीमार होना
- सुस्ती और थकान होना
रोजाना कितना विटामिन ई लेना चाहिए?
हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट की मानें तो 14 साल या उससे ज्यादा की महिला और पुरुषों को रोजाना 15 मिलीग्राम विटामिन ई का सेवन करना जरूरी है। फीड कराने वाली महिलाओं को रोजाना 19 मिलीग्राम विटामिन ई की जरूरत होती है।
विटामिन ई से भरपूर भोजन
विटामिन ई की कमी पूरी करने के लिए रोजाना बादाम खाएं। सरसों के बीज को जाइट में शामिल करें। गेहूं के बीज, सूरजमुखी, कुसुम, और सोयाबीन का तेल इस्तेमाल करें। पीनट बटर और मूंगफली खाएं। सब्जियों में चुकंदर, कोलार्ड साग, पालक, कद्दू, लाल शिमला मिर्च, एस्परैगस (शतावरी) और फलों में आम और एवोकाडो को जरूर शामिल करें। इससे शरीर में विटामिन ई की कमी को पूरा किया जा सकता है।
विटामिन ई की कमी क्यों होती है?
जो लोग प्रोपर हेल्दी डाइट नहीं लेते हैं उनके शरीर में विटामिन ई की कमी हो सकती है। कई बार जेनेटिक कारण से भी शरीर में विटामिन ई की समस्या आने लगती है। परिवार में किसी को विटामिन ई की कमी या उससे जुड़े रोग हुए हैं तो आपको खतरा हो सकता है। पुरानी अग्नाशयशोथ, सीलिएक डिजीज, कोलेस्टेटिक लीवर डिजीज, सिस्टिक फाइब्रोसिस की समस्याएं भी इसका कारण बन सकती हैं।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)