नई दिल्ली:
कांग्रेस ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के 100 दिन के कामकाज का जिक्र करते हुए उन्हें जनता की सच्ची आवाज बताया है. कांग्रेस (Congress) के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा (Pawan Kheda) ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा शोषितों, वंचितों और पीड़ितों के साथ खड़े हुए हैं.
पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट में कहा, "विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले 100 दिनों में राहुल गांधी जी बेजुबानों की आवाज़ बन गए हैं. मणिपुर में हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए आवाज़ उठाने से लेकर अन्यायपूर्ण सरकारी नीतियों का विरोध करने तक, वे लगातार वंचितों और उत्पीड़ितों के लिए खड़े हुए हैं."
मणिपुर में हिंसा के खिलाफ खड़े राहुल गांधी
खेड़ा ने अपने ट्वीट में राहुल गांधी के कामों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी मणिपुर में हिंसा के खिलाफ खड़े हुए. राज्य का दौरा किया. प्रतिनिधियों से बातचीत की. उन्होंने संसद में इस मुद्दे को उठाया. राहुल गांधी ने सरकारी नौकरी में लैटरल एंट्री का विरोध किया. जिससे सरकार को इस कदम को वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा. उन्होंने निष्पक्ष भर्ती प्रक्रियाओं का बचाव किया."
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सरकारी परीक्षाओं में गड़बड़ी को चुनौती दी
खेड़ा के अनुसार, राहुल गांधी ने नीट पेपर लीक (NEET Paper Leak) का विरोध करके और प्रवेश परीक्षाओं में जवाबदेही की मांग करके सरकारी परीक्षाओं में गड़बड़ी को चुनौती दी. राहुल गांधी ने लोको पायलटों की कार्य स्थितियों का मुद्दा उठाया. ट्रेन सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव को उजागर किया. मीडिया का ध्यान इस पर गया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि इस मुद्दे को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता."
In his archetypal 100 days arsenic LoP, @RahulGandhi ji has been the dependable of the voiceless! From championing the origin of those affected by the unit successful Manipur to opposing unjust authorities policies, helium has consistently stood up for the marginalized and the oppressed.
▪️He stood… pic.twitter.com/JcTbP0QfDs
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) October 4, 2024'इंडेक्सेशन' पर सरकार को कदम खींचने को किया मजबूर
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने बजट में ‘इंडेक्सेशन' बेनिफिट और कैपिटल गेन टैक्स को प्रभावित करने वाले हिस्से का खुलकर विरोध किया. इससे आखिरकार सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पर मजबूर होना पड़ा."
अग्निपथ योजना के खिलाफ उठाया साहसिक कदम
पवन खेड़ा ने कहा, "राहुल गांधी ने ‘अग्निपथ' योजना के खिलाफ एक साहसिक कदम उठाया. सेना में निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की पैरवी की."
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जाति जनगणना की मांग को आगे बढ़ाया
कांग्रेस नेता ने कहा, "राहुल गांधी ने जाति जनगणना की मांग को लेकर अपना पक्ष रखा, जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन के कई दलों को भी इस मांग के पक्ष में खड़ा होना पड़ा. वह स्वतंत्र मीडिया की आवाज को दबाने के उद्देश्य से बनाए गए प्रसारण विधेयक के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे.राहुल के नेतृत्व की बदौलत, इस विधेयक को रद्द कर दिया गया."
धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का किया बचाव
खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी ने भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का बचाव किया. सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक को समीक्षा के लिए संसदीय समिति के पास भेजना पड़ा.
100 दिनों में की पूरे देश की यात्रा
उन्होंने कहा, "पिछले 100 दिनों में राहुल गांधी ने पूरे देश की यात्रा की है, किसानों, मजदूरों, लोको पायलटों और मैला ढोने वालों की शिकायतों को सुना है. उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि उनकी आवाज सुनी जाए और उनके मुद्दों को संसद में सबसे आगे लाया जाए. वह जनता की सच्ची आवाज बन गए हैं."
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