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कोरबा. बदलते समय के साथ युवाओं की सोच में आए बदलावों ने उनमें आक्रामकता को बढ़ावा दिया है. स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों में बढ़ती हिंसा के कारण मारपीट जैसी घटना आम बात हो गई है. युवाओं के व्यवहार का अध्ययन करने पर ही इन कारणों का असली वजह पता किया जा सकेगा. बच्चों के बीच झगड़ा आम बात है लेकिन अगर यह हिसक रूप ले ले तो निश्चित तौर पर इसको गंभीरता से लेने की जरूरत है.
चाकू से किया हमला
हाल ही में कोरबा के बांकीमोंगरा क्षेत्र के गजरा स्थित सरस्वति शिशु मंदिर विद्यालय में एक गंभीर घटना घटित हुई, जिसने सभी को चौंका दिया. यहां दो छात्रों के बीच किसी मामले को लेकर विवाद हुआ और चाकूनुमा हथियार से हमला कर दिया. इस हमले में दूसरा छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया.
स्कूल प्रबंधन की चुप्पी से लोगों में आक्रोश
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के साथ-साथ मामले की जांच शुरू कर दी. इस हमले के चलते क्षेत्र में काफी तनाव का माहौल बना हुआ है. स्थानीय लोगों में गुस्सा और आक्रोश साफ देखा जा रहा है, जबकि स्कूल प्रबंधन इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है.
कार्रवाई करने की तैयारी में पुलिस
घटना मे सिद्धांत साहू ने यश राज पर हमले का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने इस मामले में अपराध दर्ज कर लिया है और आरोपी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. यह घटना न केवल स्कूल के छात्रों के बीच बढ़ती आक्रामकता को दर्शाती है, बल्कि सामुदायिक शांति के लिए भी एक गंभीर संकेत देती है.
बढ़ रही है चाकूबाजी की घटना
स्थानीय निवासियों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं आज की युवा पीढ़ी के मनोविज्ञान में बदलाव का परिणाम हैं, यही कारण है कि आज के समय में ज्यादातर होने वाले चाकूबाजी में नाबालिक बच्चों का हाथ होता है. यह आवश्यक है कि आगे की पीढ़ियों को सही दिशा-निर्देश देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.
Tags: Education system, Korba news, Local18, Student schoolhouse guideline
FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 22:55 IST