सबसे पुरानी पार्टी का ये हाल... गठबंधन के सौदे में कांग्रेस की बुरी गत

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मुंबई: महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन बंद होने में एक हफ़्ते से भी कम समय बचा है. साथ ही रानजनीतिक हलचल अपने चरम पर है. विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन ने बुधवार को विवादित सीटों को फिलहाल अलग रखने के लिए एक समझौता फ़ॉर्मूला घोषित किया और राज्य की 288 सीटों में से 255 सीटों के लिए सीट-बंटवारे का समझौता किया है. इसमें गठबंधन में शामिल तीनों दलों को 85 सीटें मिलेंगी. बता दें कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.

दो दिनों की मैराथन बैठकों के बाद भी 33 सीटों पर कोई फ़ैसला नहीं हुआ है. इस गठबंधन में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस का हुआ है. कांग्रेस, जोकि इस गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका निभाना चाहती थी वह अब बराबर की सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार है. इससे पहले कांग्रेस ने कभी भी इतनी कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा है. सवाल यही है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी की ये हालात क्यों हुई. कांग्रेस की आखिर क्या मजबूरी है कि उससे इतने कम सीटों पर समझौता करना पड़ रहा है.

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बुधवार शाम मुंबई में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (UBT) की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके नेताओं ने दोहराया कि एमवीए एकजुट है. शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, “हम गठबंधन के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे हैं. हमने अब तक 270 सीटों पर बात कर ली हैं और 85-85-85 के फ़ॉर्मूले पर सहमति जताई है. हम कल अपने अन्य सहयोगियों से बात करेंगे जब बाकी सीटें भी साफ़ हो जाएंगी.”

क्या हार मान गई कांग्रेस?
“85-85-85 फॉर्मूले” को कांग्रेस द्वारा बड़ी हार के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, दिल्ली के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जोर देकर कहा कि सीटों का बंटवारा अभी अंतिम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, “हम किसी भी कीमत पर कम से कम 105 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.” इससे पहले के 3 विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. साल 2009 में कांग्रेस ने 288 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 82 सीटों पर जीत दर्ज की थी. साल 2014 में 288 सीटों में 42 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. वहीं साल 2019 में 44 सीटों पर कांग्रेस ने फतह हासिल की थी.

क्या शरद पवार बनेंगे बड़े भाई?
शरद पवार की एनसीपी अब कम से कम 85 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, अगर एमवीए 20 नवंबर को चुनाव जीतती है तो पार्टी मुख्यमंत्री पद के लिए एक गंभीर दावेदार बन जाएगी. पहले माना जा रहा था कि पार्टी करीब 75-80 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन बातचीत के दौरान वह इससे ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ऐसे में इस गठबंधन के बड़े भाई की भूमिका में शरद पवार नजर आ रहे हैं.

Tags: Congress, Maharashtra Elections

FIRST PUBLISHED :

October 24, 2024, 08:21 IST

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