रोहतास. सर्दियों का मौसम मछली पालन करने वाले किसानों के लिए हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है. पानी के तापमान में गिरावट का सीधा असर मछलियों के स्वास्थ्य और उनकी वृद्धि पर पड़ता है. ऐसे में, सही देखभाल और सावधानियों के अभाव में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. मछली पालन विशेषज्ञ आरके जलज ने बताया कि रोहतास जिले में मछली पालन बड़े पैमाने पर किया जाता है, लेकिन ठंड के मौसम में मछलियों के मरने की घटनाएं आम हो जाती है. कुछ किसानों को अपनी मछलियों का 60% तक नुकसान उठाना पड़ता है. जिले के लगभग 50% मछली पालक इस समस्या से प्रभावित है.
पानी का पीएच मान की जांच जरूरी
फिशरीज एक्सपर्ट आरके जलज ने बताया कि सबसे पहले किसानों को तालाब के पानी की गुणवत्ता बनाए रखना चाहिए. पानी को शुद्ध करने के लिए चूने का उपयोग किया जा सकता है. अगर पानी का pH स्तर 7 से 8 के बीच है, तो प्रति एकड़ 100 क्विंटल चूने का इस्तेमाल करना चाहिए. इसे हर 10-15 दिनों में 2-3 महीनों तक जारी रखना चाहिए. इसके अलावा, कॉपर सल्फेट (तुतिया) का उपयोग भी पानी को शुद्ध रखने और कवक संक्रमण से बचाने के लिए किया जा सकता है. इसे प्रति एकड़ प्रति मीटर पानी में 400 ग्राम की मात्रा में हर 15 दिन पर प्रयोग करना चाहिए.
पानी की सफाई के लिए इसका करें प्रयोग
फिशरीज एक्सपर्ट ने पोटैशियम परमैंगनेट का भी उपयोग करने की सलाह दी है. इसे पानी की सफाई के लिए प्रति एकड़ प्रति मीटर पानी में 400 ग्राम की मात्रा में इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर पानी में कीटों की समस्या हो, तो हल्दी या अन्य जैविक कीटनाशकों का प्रयोग फायदेमंद हो सकता है. किसानों को यह भी सलाह दी है कि नियमित रूप से अपने तालाब की सफाई करें और पानी के तापमान पर नजर रखें और ज़रूरत के हिसाब से पानी बदलते रहें. मछलियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच और इन उपायों को अपनाकर ठंड के मौसम में होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. सावधानी और सही तकनीकों के उपयोग से मछली पालन को लाभदायक बनाया जा सकता है.
Tags: Agriculture, Bihar News, Local18, Sasaram news
FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 10:05 IST