सिख समुदाय पर बने 'जोक्स' को लेकर SC गंभीर, जनहित याचिका पर सुनवाई को हुई तैयार

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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सिख समुदाय का “उपहास” करने वाले चुटकुलों पर जनहित याचिका को फिर से शुरू करने का आश्वासन दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये बहुत ही गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है, हम इस पर कार्रवाई करेंगे. उच्चतम न्यायलय ने याचिकाकर्ता से सिख निकायों, तख्तों से सुझाव एकत्र करने और अदालत में पेश करने के लिए कहा गय. कोर्ट ने 8 सप्ताह बाद मामले की सुनवाई करने पर सहमति जताई है.

पिछले 8 सालों से ठंडे बस्ते में पड़ी जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर से सुनवाई करने पर सहमति जताई है, जिसमें सिख/सरदार समुदाय को “कम बुद्धि, मूर्ख और बेवकूफ” के रूप में चित्रित करने वाले चुटकुले फैलाने वाली वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. जनहित याचिका में चुटकुलों की तुलना “नस्लीय दुर्व्यवहार” से की गई है. 

सुप्रीम कोर्ट ने हरविंदर चौधरी द्वारा दायर 9 साल पुरानी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, "यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. कोर्ट ने कहा है, हम सुनेंगे..देखेंगे कि क्या स्कूलों में बच्चों को संवेदनशील बनाया जा सकता है...”

सिख समुदाय का उपहास उड़ाया जाता है

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि जोक्स के जरिए सिख समुदाय को व्यापक रूप से निशाना बनाया गया है. चुटकुलों से सिख समुदाय को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. यह काफी संवेदनशील मामला है.

याचिका में क्या कहा गया?

आज की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता हरविंदर चौधरी से सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समितियों, सिख सभाओं, तख्तों से इस संबंध में सुझाव मांगने और उन्हें संकलित करने, उन्हें समेकित करने और एक संकलन दाखिल करने को कहा. पीठ ने कहा कि मामले पर 8 सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी. याचिकाकर्ता हरविंदर चौधरी ने सुनवाई के दौरान कहा. कोर्ट ने बताया कि 2 अंतरिम आवेदन हैं.

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि महिलाओं को उनके पहनावे के लिए उपहास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल के साथी धमका रहे हैं, हम विचार-विहीनता से पीड़ित हैं. कुछ महिलाएं मेरे पास आईं और कहा, 'हम सिख पोशाक में हैं...पगड़ी और सफेद सूट पहने हुए हैं...हमारा उपहास किया जा रहा है...हमारी शिकायतें अदालत को दिए गए सुझावों में नहीं हैं'...एक घटना में, एक लड़के ने यातना के कारण आत्महत्या कर ली थी.
 

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