हंसने वाला पेड़...गुदगुदाने पर कांप उठती हैं शाखाएं, पत्ते में हैं औषधीय गुण

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थनैला

थनैला के पेड़ के तने में गुदगुदी करने पर इसके पत्ते और शाखाएं हिलने लगती हैं

रामनगर, नैनीताल: आपने इंसानों को गुदगुदाने पर हंसते हुए देखा होगा, लेकिन उत्तराखंड के रामनगर और छोटी हल्द्वानी के जंगलों में एक ऐसा अनोखा पेड़ है जिसे गुदगुदाने पर इसकी शाखाएं और पत्तियां कांपने लगती हैं. इस पेड़ का नाम रेंडिया डूमिटोरम है, जिसे स्थानीय भाषा में थनैला कहा जाता है. यह न केवल अपने विचित्र गुणों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि कई औषधीय गुणों से भी भरपूर है.

थनैला पेड़ के तने को जब उंगलियों से सहलाया जाता है, तो इसकी शाखाएं और पत्तियां स्पष्ट रूप से हिलने लगती हैं. यह पेड़ पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. रामनगर के जंगलों में इस पेड़ को देखने आने वाले पर्यटक इसकी अनोखी प्रकृति देखकर हैरान रह जाते हैं.

औषधीय उपयोग और महत्व
स्थानीय नेचर गाइड मोहन पांडे बताते हैं कि रामनगर और कालाढूंगी के जंगल अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध हैं. इन जंगलों में पाए जाने वाले थनैला पेड़ का उपयोग पशुपालक औषधि और चारे के रूप में करते हैं.

पशुओं के लिए: दुधारू पशुओं के थनों में गांठ बनने पर इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से गांठ समाप्त हो जाती है.
मानव औषधि: इस पेड़ का उपयोग दमा, सर्दी, जलन जैसी समस्याओं की दवाइयों में किया जाता है.

क्या कहता है वैज्ञानिक
रामनगर महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रो. एसएस मौर्य बताते हैं कि थनैला एक झाड़ी नुमा औषधीय पेड़ है, जो दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के जंगलों में भी पाया जाता है. इसका उपयोग औषधि निर्माण में होता है और छूने पर इसका कम्पन इसे अनोखा बनाता है.

कहां पाया जाता है?
रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ दिगंत नायक के अनुसार, यह पेड़ कालाढूंगी रेंज और फाटो रेंज में 300 से 1300 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है. यह रूबीएसी कुल का सदस्य है और स्थानीय रूप से इसे मेनफल, मिंदा, राधा और मदनफल जैसे नामों से भी जाना जाता है. दिसंबर से जनवरी के बीच इस पेड़ में फल लगते हैं.

पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र
थनैला पेड़ की अनोखी विशेषताओं और औषधीय गुणों के कारण यह पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन गया है. इसकी विचित्र प्रकृति और औषधीय उपयोग इसे स्थानीय जैव विविधता का अनमोल हिस्सा बनाते हैं.

Tags: Health, Local18

FIRST PUBLISHED :

November 28, 2024, 13:57 IST

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