हरी छिमड़ी की खेती के लिए ये 5 वैरायटी है सबसे अच्छा,60 दिन मे होगा 70 क्विंटल हो
मुंगेर : किसान भाइयों के लिए हरी मटर (हरी छिमड़ी) की खेती एक बेहद लाभकारी विकल्प है. कृषि विज्ञान केंद्र, मुंगेर के कृषि वैज्ञानिक अशोक कुमार का कहना है कि अगर किसान 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच हरी मटर की बुवाई करते हैं, तो उन्हें 60 से 75 दिनों में अच्छी उपज मिल सकती है. किसान एक हेक्टेयर भूमि में 60 से 70 क्विंटल मटर प्राप्त कर सकते हैं, जो कम समय में अधिक मुनाफा दिलाने वाला साबित होगा.
इन 5 वैरायटी को चुनें
हरी मटर की खेती के लिए अशोक कुमार ने पांच प्रमुख वैरायटी बताई हैं, जो किसान भाइयों को उच्च उत्पादन दे सकती है.
काशी उदय, काशी शक्ति, हरभजन, आर्केल, जाग्रति ये वैरायटी 60 से 75 दिनों में फलने लगती हैं और अच्छी मात्रा में उपज देती हैं.
बीज उपचार और खेती की विधि
हरी मटर की खेती में अच्छी फसल के लिए बीज को जैविक या रासायनिक तरीके से शोधित करना आवश्यक है. जैविक उपचार के लिए 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा वरिडीह को 1 किलो बीज में मिलाएं. वहीं, रासायनिक विधि से उपचार के लिए ‘FIR’ विधि अपनाई जा सकती है, जिसमें पहले फंगीसाइड, फिर इन्सेक्टिसाइड और अंत में राइसोविम कल्चर का उपयोग होता है. कीटनाशक के रूप में नीम तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
इंटरक्रॉपिंग के फायदे
किसान भाई हरी मटर की खेती को मक्का, आलू या अन्य सब्जियों के साथ इंटरक्रॉपिंग करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. हरी मटर की खेती आजकल कमर्शियल खेती के रूप में टाल और दियारा क्षेत्र में तेजी से हो रही है.
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, हरी मटर में फाइबर, मिनरल्स, और विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जिससे कुपोषण दूर करने में मदद मिलती है. इसलिए, किसान इसे उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और समाज में पोषण की कमी को दूर करने में योगदान दे सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 18:50 IST