Heart Attack
बक्सर. जिला व्यवहार न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र तिवारी एक मामले में बहस करते हुए अचानक बेहोश होकर गिर गए. मौके पर ही उनकी मौत हो गई. बताया गया कि उन्हें हार्ट अटैक हुआ था. इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता परशुराम चतुर्वेदी की भी इसी तरह एक सभा के दौरान बेहोश होकर गिरने से मौत हो गई थी. बक्सर के नौजवान वेटलिफ्टर संतोष दुबे की भी कुछ समय पहले इसी तरह अचानक मौत हो गई थी. सबसे बड़ा सवाल यह है कि अचानक हार्ट अटैक के कारण मरने वालों की संख्या लगातार क्यों बढ़ रही है और इससे बचाव के क्या उपाय हो सकते हैं? इन्हीं सवालों के उत्तर के लिए लोकल 18 ने बक्सर के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश मिश्रा से बातचीत की. उन्होंने अटैक के कारणों और इसके रोकथाम के उपायों पर विस्तार से चर्चा की.
अनियमित जीवनशैली से जुड़ी है समस्या
डॉ. राजेश मिश्रा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि हार्ट अटैक काभी अचानक नहीं होता, बल्कि इसके पीछे कई वर्षों की अनियमित जीवनशैली और स्वास्थ्य समस्याएं छिपी होती हैं. हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल और कैल्शियम के जमने के कारण धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे खून के प्रवाह में रुकावट होती है. यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है, जब व्यक्ति उच्च रक्तचाप, मधुमेह या धूम्रपान जैसी आदतों से पीड़ित हो.
स्ट्रेस है मुख्य कारण
उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक का सबसे प्रमुख कारण तनाव है. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग मानसिक और शारीरिक तनाव से गुजर रहे हैं. इसके साथ ही अनियमित खान-पान और शारीरिक व्यायाम की कमी भी अटैक के मामलों में वृद्धि का कारण है.
अनियमित जीवनशैली का असर
डॉ. मिश्रा ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि तनाव और अनियमित खान-पान हार्ट अटैक के पीछे मुख्य भूमिका निभाते हैं. अत्यधिक तनाव से हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ने से रक्तचाप बढ़ता है. इससे हृदय को सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड़ती है. साथ ही जंक फूड और तली-भुनी चीजों का सेवन धमनियों में फैट जमने का कारण बनता है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है.
लक्षणों को अनदेखा नहीं करें
उन्होंने कहा कि कई बार लोग गैस को हृदय की बीमारी समझ लेते हैं और कई बार हृदय की बीमारी को गैस की समस्या समझ लेते हैं. दोनों ही गलत है. उन्होंने बताया कि छाती में तेज दर्द, बांह में दर्द, जबड़े में दर्द, चलने के दौरान धड़कन तेज हो जाना, सांस फूलना हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं. इनको अनदेखा नहीं करना चाहिए.
पौष्टिक आहार जरूरी
उन्होंने बताया कि हृदय को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करना जरूरी है. फल, सब्जी, साबुत अनाज और कम फैट वाले प्रोटीन से भरपूर आहार दिल की धमनियों को साफ और स्वस्थ रखते हैं.
नियमित व्यायाम
रोजाना कम से कम 30 मिनट का मध्यम व्यायाम जैसे पैदल चलना, दौड़ना या तैराकी, हृदय की मांसपेशियों को मजबूत और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है.
स्मोकिंग को कहें अलविदा
डॉ. मिश्रा ने धूम्रपान को हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण बताया. धूम्रपान करने से धमनियों की परतें कमजोर हो जाती हैं, इससे खून का थक्का जमने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए, धूम्रपान छोड़ना हृदय के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
कम करें तनाव
तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग और सांस की तकनीकों का सहारा लेना चाहिए. तनाव कम करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि हृदय की धड़कनों को भी सामान्य रखने में मदद मिलती है.
नियमित स्वास्थ्य जांच
डॉ. मिश्रा ने यह भी कहा कि जो लोग 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को नियमित रूप से हृदय की जांच करानी चाहिए. हार्ट अटैक का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है और इसलिए ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की नियमित जांच कराना जरूरी है. यदि कोई व्यक्ति सीने में दर्द, असामान्य धड़कन या सांस लेने में कठिनाई महसूस करता है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. समय पर चिकित्सा सहायता लेने से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं.
सतर्कता ही बचाव का उपाय
अंत में डॉ. राजेश मिश्रा ने बक्सरवासियों से अपील की कि वे अपनी जीवनशैली पर विशेष ध्यान दें और हार्ट अटैक जैसे गंभीर स्वास्थ्य संकट से बचने के लिए समय पर सतर्क हो जाएं. सावधानी ही सबसे बड़ा इलाज है. समय रहते अपनी आदतों में सुधार कर आप स्वयं और अपने परिवार को इस दुखद स्थिति से बचा सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 27, 2024, 12:43 IST
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