मछली पालन
अमित कुमार/ समस्तीपुर: जिले के सरायरंजन प्रखंड स्थित शहजादपुर गांव में पटना निवासी अनूप कुमार ने 15 एकड़ में मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया है. उन्होंने जमीन को लीज़ पर लेकर भारतीय प्रमुख कार्प (IMC) मछलियों का पालन किया है. हर सीजन में प्रति एकड़ ₹2 लाख का शुद्ध मुनाफा होता है.
मछली पालन का उद्देश्य
अनूप कुमार का मुख्य उद्देश्य बिहार को मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है. उनका मानना है कि बिहार में मछलियों की मांग को पूरा करने के लिए अन्य राज्यों से भारी मात्रा में मछलियां मंगाई जाती हैं. यदि स्थानीय स्तर पर ही मछली का उत्पादन हो, तो बाहरी राज्यों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. इसके साथ ही, उनके इस व्यवसाय से तीन से चार लोगों को रोजगार भी मिला है.
लोकल बाजार में बेचते हैं मछलियां
अनूप कुमार ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि उनकी मछलियों की बिक्री में कोई कठिनाई नहीं होती, क्योंकि वह स्थानीय बाजार में ही मछलियां बेचते हैं. उनके तालाब में भारतीय प्रमुख कार्प (रहू, कतला, नैनी) और अन्य मछलियां तैयार होती हैं, जो बाजार में काफी मांग में रहती हैं.
मछली पालन में मुनाफा तय
अनूप कुमार ने कहा, मछली पालन में 90% चांस मुनाफे का होता है. अगर मौसम अनुकूल रहे, तो प्रति सीजन प्रति एकड़ ₹2 लाख तक का मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि मछली पालन का व्यवसाय बेहतर प्रबंधन के साथ काफी लाभदायक है.
रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में योगदान
अनूप कुमार न केवल मछली उत्पादन कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रहे हैं. उनके इस व्यवसाय ने यह साबित किया है कि सही दृष्टिकोण और मेहनत से बिहार में खेती और संबंधित व्यवसायों के जरिए आत्मनिर्भरता और आर्थिक प्रगति संभव है.
बिहार को आत्मनिर्भर बनाने की पहल
अनूप कुमार का कहना है कि यदि बिहार के किसान मछली पालन जैसे व्यवसाय को अपनाएं, तो राज्य मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर हो सकता है. उनके इस प्रयास ने स्थानीय स्तर पर मछली उत्पादन को बढ़ावा दिया है और बिहार के मछली उद्योग में नई संभावनाओं का रास्ता खोला है.
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FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 20:32 IST