Khaira Bhawani Mandir Gonda: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के विकासखंड पंडरी कृपाल के ग्राम सभा खैरा में स्थित है खैरा भवानी मंदिर. मंदिर की वजह से गांव का भी नाम खैरा पड़ा. लोकल 18 से बातचीत के दौरान मंदिर के महंत कौशल नारायण गिरी बताते हैं कि इस मंदिर का इतिहास काफी रोचक है. 500 साल पहले यहां जंगल हुआ करता था. यहां पर भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती का भ्रमण हुआ पार्वती जी का स्थान खैर में बताया जाता है और भगवान भोलेनाथ का स्थान दुखहरण नाथ में है.
क्या है मंदिर का इतिहास
कैलाश नारायण गिरी बताते हैं कि 150 साल पहले इसी जगह से गोंडा से बलरामपुर जाने के लिए रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी. माता जी का स्थान होने के कारण दिन में लाइन बिछाई गई और रात में लाइन उखड़ जाती थी. फिर रेलवे के एक अधिकारी को माता ने स्वप्न में आकर दर्शन दिया और उनसे कहा कि यहां मेरा स्थान है यहां पर रेलवे लाइन का निर्माण नहीं किया जाएगा. तो अधिकारियों ने इस स्थान को छोड़कर बगल में रेलवे लाइन बना दी.
क्यों पड़ा मंदिर का नाम खैरा भवानी
उन्होंने बताया कि पहले यहां खैर प्रजाति के वृक्ष का जंगल लगा हुआ था. माता जी का अवतरण खैर पेड़ के नीचे हुआ था इसलिए इस मंदिर का नाम खैरा भवानी पड़ा है.
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कब-कब लगता है इस मंदिर में मेला
इस मंदिर पर मेला शुक्रवार और सोमवार को लगता है. इसके अलावा शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्र में भक्तों की अपार भीड़ होती है. यह मंदिर शक्तिपीठ है और यहां पर माता जी का भैरवी चक्र इस चक्र की पूजा की जाती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 15:53 IST
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