गुजरात के भावनगर, अमरेली और बोटाद समेत राज्य के कई जिलों में सर्दियों की फसल के रूप में बड़ी मात्रा में प्याज और लहसुन की खेती होती है, लेकिन इनके पौधों में कई बीमारियां देखने को मिलती हैं, जिनका समय पर नियंत्रण जरूरी है, सर्दियों की फसलों में प्याज और लहसुन में थ्रिप्स कीट आ जाता है, तो चलिए वैज्ञानिक से इस कीट के बारे में जानते हैं…
थ्रिप्स कीट का प्रकोप
बता दें कि सर्दियों की फसलों में प्याज और लहसुन में थ्रिप्स नामक बीमारी आम है. इस कीट के प्रकोप से उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है. लोकल 18 से बात करते हुए सहायक वैज्ञानिक विनुभाई ने बताया कि यह कीट 1 मिमी लंबा, बेलनाकार और पीले-गुलाबी रंग का होता है. इसके नर कीट के पंख नहीं होते, जबकि मादा के पंख पंखुड़ी के आकार के और धारियों वाले होते हैं.
थ्रिप्स से होने वाला नुकसान
बता दें कि थ्रिप्स कीट प्याज और लहसुन की पत्तियों को नुकसान पहुंचाता है. इससे पौधों की मिट्टी के अंदर कलियां नहीं बनतीं और बीज प्याज के फूलों में बीज नहीं बनते. यह प्रकोप फसल के एक महीने के भीतर शुरू हो जाता है और धीरे-धीरे बढ़ता है, खासकर जब वातावरण में गर्मी होती है.
नियंत्रण के उपाय
अगर आप इस कीट पर नियंत्रण पाना चाहते हैं तो प्याज और लहसुन के खेत में उगने वाली घास और खरपतवार को शुरुआत में ही हटा देना चाहिए. साल के दौरान फसल चक्रीकरण (Crop rotation) को बदलकर इस कीट पर नियंत्रण पाया जा सकता है. बता दें कि फसलों को समय-समय पर सिंचाई करना आवश्यक है. अगर दो सिंचाइयों के बीच लंबा अंतराल हो, तो कीट का प्रकोप बढ़ने की संभावना रहती है.
भाइयों, इस खतरनाक बीमारी से आपके पशु की जा सकती है भी जान! तुंरत जानिए डॉक्टर की सलाह
जैविक उपाय
थ्रिप्स के शुरुआती प्रकोप पर बेवेरिया बेसिया 2.5 किलो/हेक्टेयर या मेटारिजियम एनीसोपली 1.5 किलो/ट्रैक्टर का छिड़काव करें. यह छिड़काव दस दिनों के अंतराल पर करें. हालांकि, यदि इन उपायों के बाद भी कीट नियंत्रण में न आए, तो नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें और विशेषज्ञों की सलाह लें.
Tags: Local18, Special Project
FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 09:47 IST