Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 09, 2025, 09:55 IST
Sagar News: मध्य प्रदेश के सागर में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज और सागर जिला अस्पताल को मर्ज किया जा रहा है. इसके विरोध में करीब 350 कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो सभी सामूहिक इस्तीफा दें...और पढ़ें
सागर जिला अस्पताल में विरोध करते डॉक्टर, नर्स.
हाइलाइट्स
- बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज और सागर जिला अस्पताल का मर्जर
- 350 कर्मचारी मर्जर के विरोध में सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी
- मर्जर से मरीजों को इलाज में परेशानी का डर
सागर: बुंदेलखंड के सागर में 70 साल पुराने जिला अस्पताल को खत्म किया जा रहा है, यानी जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में मर्ज किया जा रहा है. 4 महीने पहले मर्जर का आदेश आने के बाद इसकी प्रक्रिया अब शुरू हो गई है. लेकिन, मर्जर की प्रक्रिया शुरू होते ही जिला अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया है. 10 फरवरी से जिला अस्पताल में तैनात 350 कर्मचारी रोजाना 2 घंटे धरना देंगे. उनका कहना है कि जल्द ही उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो सामूहिक इस्तीफा दे देंगे. अभी उन्होंने काली पट्टी बांधकर मोर्चा खोल दिया है.
300 करोड़ की राशि को ठिकाने लगाने का इंतजार
दरअसल, सागर के तिली में 70 साल पुराना 300 बेड का जिला अस्पताल है और 15 साल पुराना 750 बेड का बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज है, ये दोनों ही संस्थान एक-दूसरे के परिसर से लगे हैं. मेडिकल कॉलेज में यूजी और पीजी की सीट बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 300 करोड़ की राशि आवंटित की गई है, लेकिन जगह की कमी होने की वजह से विकास नहीं हो पा रहा, ऐसे में मेडिकल कॉलेज का विस्तार करने के लिए जिला अस्पताल का मर्जर करना विकल्प निकाला गया. जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज को मर्ज करना मध्य प्रदेश में सागर से यह पहला प्रयोग है.
जिला अस्पताल में हर साल 2 लाख मरीजों का इलाज
विरोध करने वाले जिला अस्पताल के स्टाफ का तर्क है कि अभी जिले के मरीज दो जगह पर आते हैं, जिससे उन्हें प्रॉपर इलाज मिल जाता है, लेकिन मर्ज हो जाने के बाद पूरी भीड़ एक जगह जाएगी, जहां ओपीडी की पर्ची बनवाने से लेकर भर्ती होने तक और फिर इलाज मिलने में भी मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, जबकि अभी जिला अस्पताल में 2 लाख से अधिक मरीजों का हर साल इलाज किया जा रहा है.
डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने क्या कहा
सागर जिला अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. जितेंद्र सराफ का कहना है कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को जिला अस्पताल के सहयोग से मान्यता मिली है और उन्हें जो सहयोग आगे चाहिए है वह मिलता रहेगा, जिला अस्पताल संचालित होते रहने देना चाहिए, यहां पर हर साल करीब दो लाख मरीज जाते हैं. मर्ज होने के बाद एक ही जगह पर मरीजों को इलाज के लिए ज्यादा भटकना पड़ेगा. अलग-अलग जगह इलाज होने से मरीजों को जल्दी और अच्छा इलाज मिल जाता है.
तब हम लोग कहां जाएंगे?
जिला चिकित्सालय की नर्सिंग स्टाफ मंजू मिश्रा का कहना है कि हम लोगों का विभाग तो एक ही है और हम लोग अपनी सेवाएं दे रहे हैं, बीएमसी में काम करेंगे, लेकिन बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में हम लोगों को प्रतिनियुक्ति पर लिया जाएगा, दो या तीन वर्षों के लिए जब वह वहां प्रतिनियुक्ति समाप्त कर देंगे, तो हम लोग कहां जाएंगे.
Location :
Sagar,Madhya Pradesh
First Published :
February 09, 2025, 09:51 IST
300 करोड़ खपाने के लिए एक हो रहे दो अस्पताल, MP में पहली बार ऐसा प्रयोग, विरोध