नई दिल्ली. एमजी मोटर ने हाल ही में 4.99 लाख रुपये में सबसे किफायती इलेक्ट्रिक कार कॉमेट ईवी (Comet EV) को लॉन्च करके मार्केट हिला डाला है. एमजी की इतनी कॉम्पिटिटिव प्राइसिंग से साफ़ है कि देश के इलेक्ट्रिक कार मार्केट में सबसे ज्यादा शेयर रखने वाली टाटा मोटर्स की परेशानी बढ़ सकती है. लेकिन कंपनी इतनी कम कीमत पर एक इलेक्ट्रिक कार कैसे ऑफर कर रही है और इसके पीछे कंपनी की क्या रणनीति है? यहां हम इसके बारे में आपको विस्तार से बताने वाले हैं.
पहले यह जान लें कि एमजी मोटर ने भारत में अपनी तीन इलेक्ट्रिक कारों Comet EV, Windsor EV और ZS EV को एक खास बैटरी सब्सक्रिप्शन प्रोग्राम के तहत लॉन्च किया है जिसके चलते तीनों कारें काफी कम कीमत पर लॉन्च हुई हैं. इसमें खास ये है कि कंपनी ने इन कारों में बैटरी की कीमत को नहीं जोड़ा है जिससे कार की कीमत कम हो गई है. कंपनी कार को चलाने के लिए ग्राहक से प्रति किलोमीटर के हिसाब से चार्ज वसूलेगी जो बैटरी की सब्सक्रिप्शन का शुल्क होगा.
भारतीय ग्राहकों के लिए कंपनी की सस्ती ईवी
दरअसल, इलेक्ट्रिक कारों में सबसे महंगी चीज उसकी बैटरी होती है. बैटरी की कीमत कार की कुल कीमत का 55-60% होता है जिसके वजह से इलेक्ट्रिक कारों की कीमत को नियंत्रित करना काफी मुश्किल होता है. मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक कारों की अधिक कीमत इन्हें अपनाने में सबसे बड़ी रुकावट बन रही है. एमजी ने इसी समस्या को सोच विचार करते हुए ही कार को सब्सक्रिप्शन प्लान के तहत लॉन्च किया है, जिसमें ग्राहकों को कार खरीदते समय केवल कार की ही कीमत चुकानी है, जबकि बैटरी की कीमत कार की रनिंग के आधार पर तय होगी.
बैटरी के लिए कंपनी का खास प्लान
कंपनी ने Comet EV, Windsor EV और ZS EV को ‘बैटरी एज ए सर्विस’ प्लान यानी BaaS के तहत लॉन्च किया है. यानी ग्राहक को एकमुश्त राशि के तौर पर केवल कार की कीमत चुकानी होगी. आपको बता दें कि MG Comet EV की शुरुआती एक्स शोरूम कीमत 4.99 लाख रुपये रखी गई है. वहीं इसमें बैटरी रेंटल के रूप में 2.5 रुपये प्रति किलोमीटर भुगतान करना होगा. वहीं, MG ZS EV की शुरुआती एक्स शोरूम कीमत 13.99 लाख रुपये है और इसके साथ ही 4.5 रुपये प्रति किलोमीटर का बैटरी रेंटल तय किया गया है. वहीं एमजी विंडसर को 9.99 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) की कीमत पर उतारा गया है जबकि इसकी बैटरी के लिए सब्सक्रिप्शन चार्ज 3.5 रुपये प्रति किलोमीटर है.
लाइफ टाइम वारंटी और एश्योर्ड बाय-बैक
एमजी मोटर्स अपने पहले ग्राहकों को अपनी इलेक्ट्रिक कारों पर लाइफ टाइम वारंटी भी दे रही है. इसके अलावा तीनों कारों पर एक साल तक फ्री बैटरी चार्जिंग की सुविधा भी उपलब्धि कराई जा रही है. हालांकि, कंपनी ने इसके लिए कुछ नियम व शर्तें भी रखीं हैं. कंपनी का कहना है कि BaaS प्लान के तहत 3 साल के ओनरशिप के बाद ग्राहक अपनी एमजी कार वापस कंपनी को बेच सकते हैं. इसके लिए कंपनी कार की कीमत का 60% वैल्यू भुगतान करेगी.
1,00,000 किलोमीटर चलाने पर कितना खर्च?
अब सबसे जरूरी बात ये कि नए प्लान के तहत खरीदी गई कार को चलाने का खर्च कितना खर्च आएगा. आपको बता दें कि एमजी की इन इलेक्ट्रिक कारों पर फ्री पब्लिक चार्जिंग केवल एक साल तक के लिए ही है, जिसके बाद ग्राहक को टैरिफ रेट के अनुसार चार्जिंग का शुल्क चुकाना होगा. कॉमेट ईवी की बात करें, तो अगर आप इसे 1,00,000 किलोमीटर चलाते हैं तो 2.5 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से आप BaaS के तहत 2,50,000 के शुल्क का भुगतान करेंगे. यानी 1 लाख किलोमीटर के बाद कॉमेट ईवी पर आपका कुल खर्च 7,50,000 रुपये होगा. अगर कॉमेट ईवी के चार्जिंग के खर्च को जोड़ दिया जाए तो इस इलेक्ट्रिक कार पर कुल ओनरशिप चार्ज और भी बढ़ जाएगा. आमतौर पर इलेक्ट्रिक कार पर प्रति किलोमीटर रनिंग कॉस्ट 1 रुपये का आता है. अगर इस हिसाब से देखा जाए तो 1 लाख किलोमीटर पर कार को चार्ज करने का खर्च 1 लाख रुपये के आस-पास होगा. इस शुल्क को जोड़ने के बाद कार की टोटल ओनरशिप कॉस्ट 8,50,000 रुपये हो जाएगी.
FIRST PUBLISHED :
September 23, 2024, 17:38 IST