देवघर: मार्गशीर्ष का महीना चल रहा है. इस महीने को अगहन भी कहा जाता है. मार्गशीर्ष महीने में कई पर्व-त्योहार आते हैं. माना जाता है कि मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था, इसलिए यह महीना बेहद शुभ होता है. मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी भी कहा जाता है. यह तिथि विवाह के लिए सबसे शुभ मानी जाती है. इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा करने से घर मे सुख समृद्धि की वृद्धि होती है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का उत्सव मनाया जाता है. इस साल 6 दिसंबर को विवाह पंचमी होगी. इस दिन भगवान राम और माता सीता की वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में मनाई जाती है. विवाह पंचमी के दिन व्रत रखकर भगवान राम और माता सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है. इसके साथ ही घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है.
विवाह पंचमी की तिथि, मुहूर्त
मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 5 दिसंबर दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से हो रही है. इसका समापन अगले दिन 6 दिसंबर दोपहर 2 बजकर 44 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार 6 दिसंबर को ही विवाह पंचमी का व्रत रखा जाएगा. वहीं, उस दिन सुबह 06 बजकर 57 मिनट से 08 बजकर 33 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है, क्योंकि यह समय अमृत काल का समय है.
करें कोई भी मांगलिक कार्य
विवाह पंचमी के दिन किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य कर सकते हैं. इसके लिए शुभ मुहूर्त नहीं देखा जाता है. विवाह पंचमी के दिन मुंडन, जनेऊ, शादी-विवाह इत्यादि करना अत्यंत शुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन कोई भी नई चीजों की जैसे वाहन, जमीन, आभूषण इत्यादि की खरीदारी करना भी शुभ होता है.