साहुपुरा के किसान सुंदर कुमार की अमरूद खेती की सफलता.
Faridabad News: फरीदाबाद के किसान सुंदर कुमार ने 5 बीघे में अमरूद की खेती शुरू कर परिवार का खर्चा पूरा करने में सफलता प ...अधिक पढ़ें
- News18 Haryana
- Last Updated : November 16, 2024, 14:54 IST
फरीदाबाद. बल्लभगढ़ के साहुपुरा गांव के किसान सुंदर कुमार ने पांच बीघे में अमरूद का बागान पट्टे पर ले रखा है. वह 12 महीने अमरूद की खेती करते हैं और घर का सारा खर्चा इसी से चलाते हैं.
बागान की देखभाल और खर्चा
सुंदर कुमार ने Local18 से बातचीत में बताया कि उन्होंने यह बागान पट्टे पर लिया है और सालभर में 50 हजार रुपये का पट्टा देते हैं. बागान में करीब 60 से 65 पेड़ हैं और 5 बीघे में 60 से 70 कैरेट तक अमरूद उगता है. इसके बाद अमरूद को बल्लभगढ़ डबुआ ओल्ड की मंडियों में बेचने ले जाते हैं.
कीड़ों से बचाव और उर्वरक
सुंदर कुमार ने बताया कि अमरूद में जब कीड़े लग जाते हैं, तो वह दुकान से दवाई खरीदकर लगाते हैं. दुकानदार खुद दवाई देता है, जिससे अमरूद ठीक हो जाता है. इसके अलावा, पेड़ों के नीचे खुदाई भी लगती है और बागान में पांच बीघे में 2 बोरी डीएपी लगती है, साथ ही पोटाश भी डाली जाती है.
अमरूद की फसल और पानी का प्रबंधन
अमरूद की फसल साल में दो बार आती है. पेड़ों में हर छह महीने में एक बार अमरूद लगता है. सुंदर ने बताया कि फलों को अच्छे से उगाने के लिए पानी का प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है. जब फल नहीं फलते तो पानी देना पड़ता है, और जब फल आ जाता है तो पानी की मात्रा कम करनी होती है. गर्मियों में पानी की जरूरत ज्यादा होती है.
मंडी में मूल्य और नुकसान-लाभ
सुंदर कुमार ने यह भी बताया कि मंडी में अमरूद का कोई निश्चित रेट नहीं होता. कभी एक कैरेट 300 रुपये का बिकता है तो कभी 400 रुपये का भी. कभी मुनाफा हो जाता है तो कभी नुकसान भी. पिछली बार चौमासे के मौसम में तेज़ बारिश के कारण अमरूद गिर गया था और नुकसान हुआ था। लेकिन इस बार फसल ठीक है.सुंदर कुमार के परिवार में 10 लोग हैं, और उनका घर का खर्च इसी बागान से चलता है. उनकी उम्र 38 साल है और उनका कहना है कि खेती से ही उनका गुज़ारा हो रहा है.
Editor- Anuj Singh
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FIRST PUBLISHED :
November 16, 2024, 14:54 IST