बीड़: दिन-ब-दिन, किसानों में रेशम की खेती (सरीकल्चर) का महत्व बढ़ता जा रहा है. इस क्षेत्र में कई किसान रेशम की खेती के जरिए खुद को आर्थिक रूप से सक्षम बना चुके हैं. कुछ किसानों ने इसे अपनी मुख्य आय का स्रोत बना लिया है. आपने बहुत से किसानों को रेशम की खेती करते देखा होगा, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे किसान की कहानी बताएंगे, जो 72 साल की उम्र में भी रेशम की खेती में जुटे हुए हैं और 2 एकड़ ज़मीन से लाखों रुपये कमा रहे हैं.
बीड़ जिले के किसान, विठ्ठल टोंडे, पिछले 10-12 वर्षों से अपनी ज़मीन पर रेशम की खेती कर रहे हैं. हर साल, उन्हें इस खेती से अच्छा खासा मुनाफा होता है. इससे पहले, वे पारंपरिक फसलों की खेती करते थे, लेकिन इन्हें उतना मुनाफा नहीं मिल रहा था. पारंपरिक फसलों में निवेश के मुकाबले लाभ बहुत कम था. पहाड़ी इलाके में होने के कारण, वे सिर्फ मानसून की फसलों पर निर्भर रहते थे, जैसे ज्वार और कपास.
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2 एकड़ ज़मीन पर शुरू
पारंपरिक खेती से बहुत कम आय होने के कारण, विठ्ठल ने कृषि के अलावा कुछ नया करने का सोचा और कई विशेषज्ञों से सलाह ली. इसी दौरान उन्हें रेशम की खेती के बारे में जानकारी मिली. फिर उन्होंने 2 एकड़ ज़मीन पर इसे शुरू किया. शुरुआत में आय कम थी, लेकिन धीरे-धीरे मुनाफा बढ़ने लगा और उन्होंने इस व्यवसाय में निरंतरता बनाए रखी.
सालाना 5-6 लाख रुपये तक की कमाई
आज विठ्ठल टोंडे 10-12 सालों से इस व्यवसाय में हैं और अब उन्हें रेशम की खेती का पूरा ज्ञान हो चुका है. वे दूसरों को भी इस व्यवसाय को अपनाने की सलाह देते हैं. शुरुआत में यह काम छोटा था, लेकिन अब उनका व्यापार काफी बढ़ चुका है. हर दो महीने में वे एक बैच का उत्पादन करते हैं और सालाना 5-6 लाख रुपये तक की कमाई करते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 12:40 IST