जैसलमेर: 73 साल के बुजुर्ग सखाराम जो हर साल घुटनों के बल देव बाबा रामदेव के दरबार में पहुंचते हैं, उनकी भक्ति को लोग नम आंखों से सलाम करते हैं. इस साल भी वह अपनी पुरानी ट्राइसाइकिल के साथ बाबा के दरबार में पहुंचे. पिछले 13 सालों से उनकी भक्ति बाबा रामदेव के प्रति अद्वितीय रही है.
213 किलोमीटर की घुटनों के बल यात्रा
बाड़मेर के बालोतरा स्थित असाड़ा गांव के निवासी सखाराम ने 213 किलोमीटर की दूरी घुटनों के बल चलकर तय की. वह हर साल अपने आराध्य बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन के लिए रामदेवरा पहुंचते हैं. उनकी ट्राइसाइकिल में बाबा रामदेवजी का एक छोटा मंदिर और कपड़े का घोड़ा बनाया गया है, जिसे वह धक्का देते हुए यात्रा पूरी करते हैं. प्रतिदिन वह 3 किलोमीटर का सफर तय करते हैं.
भक्ति और अलग-अलग यात्राएं
सखाराम का कहना है कि वो बाबा रामदेव के अनन्य भक्त हैं और देश में शांति और खुशहाली की कामना करते हुए बाबा के दरबार में आते हैं. पिछले 13 सालों में उन्होंने पैदल, दंडवत, और नाक-निवान जैसी कई अलग-अलग प्रकार की यात्राएं की हैं. यह उनकी तीसरी यात्रा है जिसमें उन्होंने घुटनों के बल ट्राइसाइकिल के साथ सफर तय किया.
कठिन यात्रा में बाबा रामदेव से शक्ति
चिलचिलाती धूप और तपती सड़क पर घुटनों के बल चलने के सवाल पर सखाराम बताते हैं कि बाबा रामदेव उन्हें शक्ति प्रदान करते हैं, जिससे वह यह कठिन यात्रा आसानी से पूरी कर पाते हैं. उनका शरीर भले ही बूढ़ा हो गया हो, लेकिन बाबा की कृपा से वह अपनी यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न करते हैं.
सखाराम के साथ श्रद्धालुओं का जुड़ाव
73 वर्षीय सखाराम जब रामदेवरा पहुंचे, तो वहां बाबा के भक्तों में उनके साथ सेल्फी और फोटो लेने की होड़ मच गई. उनकी अनोखी भक्ति और समर्पण ने उन्हें श्रद्धालुओं के बीच एक विशेष स्थान दिलाया है. लोग उनके साथ रील्स और तस्वीरें बनाकर इस भक्ति को सराहते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 30, 2024, 18:57 IST