Explainer: लंबे स्पेस ट्रैवल में कैसे मिलेगा खाना? एस्ट्रेरॉयड्स से बनेगा भोजन

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एस्टेरॉयड या क्षुद्रग्रहों के बारे में जहन में हमेशा एक ही ख्याल आता है. कोई बहुत ही बड़ी सी चट्टान पृथ्वी की ओर आ रही होगी जो बहुत मुमकिन हो कि हमारे पास से गुजर जाएगी. आशंका इस बात की रही होगी कि वह पृथ्वी से टकरा सकती थी. पर अगर आपसे पूछा जाए कि क्या उनका उपयोग भी हो सकता है? तो शायद आपको कुछ अजीब सा लगे. लेकिन इस रिसर्च में कहा गया है कि ऐसा हो सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि क्षुद्रग्रहों से प्राप्त सामग्री का उपयोग अंतरिक्ष यात्रियों को लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों के दौरान जीवित रखने के लिए किया जा सकता है. यानी एस्टेरॉयड्स स्पेस ट्रेवल की बहुत ही बड़ी समस्या का समाधान हो सकते हैं.

लंबे स्पेस ट्रेवल की चुनौती
साइंटिस्ट्स और स्पेस एजेंसी भी अब लंबी दूरी की अंतरिक्षा यात्रा को संभव बनाने की कोशिश कर रही हैं. इसमें सबसे बड़ी चुनौती सुदूर स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स के लिए भोजन की व्यवस्था करना होगा क्योंकि सालों तक के लिए भोजन को पृथ्वी से ले जाना संभव नहीं होगा और शायद सटीक भी नहीं. ऐसे में पृथ्वी के बाहर से ही भोजन के स्रोत हासिल करना एक विकल्प हो सकता है, लेकिन समस्या यही है कि कहां से?

भोजन का उत्पादन
कनाडा की वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ अर्थ एंड स्पेस एक्सप्लोरेशन को शोधकर्ताओं ने एस्टेरॉयड्स  से खाने वाले बायोमास, यानी ​​भोजन का उत्पादन करने का एक तरीका खोजा है. इसके लिए वे उनमें पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों और कार्बनिक यौगिकों का उपयोग करेंगे.  उनकी प्रस्तावित प्रक्रिया इस मुद्दे की बात करती है कि सौर मंडल के बाहरी हिस्सों में भविष्य के अभियानों के लिए पर्याप्त भोजन कैसे हासिल किया जाए.

खेती काफी नहीं
शोधकर्ताओं ने एरिक पिल्स के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में कहा, “सौर मंडल का गहराई से पता लगाने के लिए, पृथ्वी से आपूर्ति करने वाले तरीकों पर कम निर्भर होना जरूरी होगा.” वर्तमान में, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर चालक दल पृथ्वी से आपूर्ति अभियानों पर निर्भर हैं, जो महंगा और काफी जटिल है. अंतरिक्ष में खेती, हालांकि संभव है, लेकिन बहुत मुश्किल भी है. इसलिए शोधकर्ता भोजन के अधिक स्थानीय स्रोत का सुझाव देते हैं. यहीं पर बात आती है अंतरिक्ष चट्टानों की.

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क्षुद्रग्रह के सूक्ष्मजीव और कार्बनिक पदार्थ के जरिए खाना बनाया जा सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कैसे बनेगा भोजन?
उनके समाधान के लिए ऑक्सीजन रहित वातावरण में एस्टेरॉयड्स में पाए जाने वाले कार्बनिक यौगिकों को तोड़ने के लिए अधिक तापमान का उपयोग करने की जरूरत होती है. इस प्रक्रिया को पायरोलिसिस के रूप में जाना जाता है. अध्ययन के अनुसार, परिणामी हाइड्रोकार्बन को सूक्ष्मजीवों को खिलाया जाएगा. वे कार्बनिक पदार्थ का उपभोग करेंगे और इंसानों के लिए पोषण मूल्य वाले बायोमास को बना देंगे.

बेन्नू जैसे एस्टेरॉयड
शोधकर्ताओं ने एक खास प्रकार के एस्टेरॉयड पर ध्यान केंद्रित किया जिसे कार्बोनेसियस चोंड्राइट्स कहा जाता है, जिसमें 10.5% तक पानी और पर्याप्त मात्रा में कार्बनिक पदार्थ होते हैं. इसमें बेन्नू जैसे क्षुद्रग्रह शामिल हैं, जिनसे नमूने एकत्र करने के लिए नासा के ओएसाइरस-आरईएक्स मिशन ने 2018 में दौरा किया था.

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बेन्नू क्षुद्रग्रह से भी साइंटिस्ट को भोजन बनाने की सामग्री मिल सकती है. (तस्वीर: NASA)

उपज की गणना की जरूरत
उस मिशन ने वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए सितंबर 2023 में अंतरिक्ष चट्टान के टुकड़े पृथ्वी पर लौटाए. वास्तविक क्षुद्रग्रह नमूनों के साथ काम करने से पहले, वर्तमान अध्ययन संभावित खाद्य उपज की गणना करता है. यह सुझाए गए तरीकों का उपयोग करके पैदा किया जा सकता है. साथ ही बता सकता है कि  उन मात्राओं को प्राप्त करने के लिए कुल मिलाकर कितनी क्षुद्रग्रह सामग्री की आवश्यकता होगी.

कितना पैदा होगा भोजन
संक्षेप में, शोधकर्ताओं का अनुमान है कि बेनू जैसे क्षुद्रग्रहों का उपयोग लगभग 50 से 6,550 मीट्रिक टन खाद्य बायोमास बनाने के लिए किया जा सकता है, जिसमें 600 से 17,000 अंतरिक्ष यात्री जीवन के लिए पर्याप्त कैलोरी होगी. न्यूनतम केवल एलिफैटिक हाइड्रोकार्बन को भोजन में बदलाव करने पर आधारित है, जबकि अधिकतम के लिए सभी अघुलनशील कार्बनिक पदार्थों का उपयोग करने की जरूरत होती है.

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लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्रा में क्रांति
इसलिए, क्षुद्रग्रहों का खनन सैद्धांतिक रूप से लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्रा में क्रांति ला सकता है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से बड़ी मात्रा में लॉन्च करने की आवश्यकता के बजाय स्थानीय रूप से प्राप्त भोजन पर निर्भर रहने का मौका मिलता है. आगे के अध्ययनों में यह देखना होगा कि ऐसे मिशनों के दौरान क्षुद्रग्रहों का खनन और प्रोसेस कैसे किया जाएगा. यह भी देखना होगा कि क्या वह भोजन खाने और स्वादिष्ट होने के लिए काफी है या नहीं.

अध्ययन के अनुसार, “इन नतीजों के आधार पर, सौर मंडल की खोज करने वाले मनुष्यों के लिए वितरित खाद्य स्रोत प्रदान करने के लिए क्षुद्रग्रहों में कार्बन का उपयोग करने का यह तरीका उम्मीद जगाने वाला लगता है, लेकिन भविष्य में काम करने के लिए पर्याप्त क्षेत्र हैं.” उनके नतीजे 3 अक्टूबर को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ एस्ट्रोबायोलॉजी में प्रकाशित हुए.

Tags: Science, Science facts, Science news, Space knowledge, Space news, Space Science

FIRST PUBLISHED :

October 11, 2024, 13:50 IST

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