नवरात्रि के बाद अखंड ज्योति, कलश में रखे सिक्के और जल का क्या करें? जान लें शास्त्रों में लिखे नियम

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Navratri 2024- India TV Hindi Image Source : SOCIAL Navratri 2024

नवरात्रि के 9 दिनों में विधि-विधान पूर्वक माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवमी तिथि को नवरात्रि का समापन होता है, इस दिन भक्त पूजा तो करते ही हैं साथ ही दान-पुण्य, कन्या पूजन आदि का आयोजन भी करते हैं। ऐसे में कई भक्तों के मन में यह सवाल भी उठता है कि, नवरात्रि के आखिरी दिन पूजा करने के बाद अखंड ज्योति का क्या करना चाहिए, कलश में रखे जल और सिक्के का इस्तेमाल किस कार्य में किया जाना चाहिए। अगर आपके मन में भी यह सवाल हैं तो इनका जवाब आपको हमारे इस लेख में मिलेगा। 

नवरात्रि के बाद कलश में रखे जल का क्या करें? 

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापित किया जाता है, जिसमें जल डाला जाता है। इस कलश की पूजा भी नवरात्रि के पहले दिन होती है। माना जाता है कि, पूजा के बाद सभी देवी-देवता कलश में प्रवेश करते हैं। ऐसे में इस जल की पवित्रता बढ़ जाती है। इसलिए नवरात्रि समाप्त होने के बाद इस जल का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, कलश में रखा जल पवित्र होता है। इसलिए इस जल का छिड़काव आपको अपने घर में करना चाहिए। इससे घर में मौजूद हर प्रकार की नकारात्मकता दूर होने लगती है। इसके साथ ही कलश के जल को घर के सभी लोगों के सिर पर भी छिड़काना शुभ होता है। साथ ही इस जल को आप घर में रखे पेड़-पौधों में भी डाल सकते हैं। यानि यह जल आपके घर की पवित्रता को बढ़ाने का कार्य करता है। 

कलश में रखे सिक्के का क्या करें? 

कलश स्थापना के दौरान कलश के अंदर एक सिक्का भी डाला जाता है। नवरात्रि के अंतिम दिन पूजा के बाद इस सिक्के को आप अपनी तिजोरी में रख सकते हैं, या फिर अपने पर्स में डाल सकते हैं। धन के स्थान पर इस सिक्के को रखने से आपकी आर्थिक स्थिति सुधरती है। आपको धन के मामलों में सकारात्मक परिवर्तन मिलने लगते हैं। 

कलश में रखे नारियल का क्या करें? 

नवरात्रि के बाद आपको कलश में रखे नारियल को किसी पवित्र नदी में प्रभावित कर देना चाहिए। इसके साथ ही लाल कपड़े में बांधकर अपने घर के पूजा स्थल में भी आप इसे रख सकते हैं। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति आपको होती है। 

अखंड ज्योति का क्या करें? 

नवरात्रि के नौ दिनों में अगर आपने अखंड ज्योति जलाई थी तो उसे फूंककर गलती से भी न बुझाएं। अखंड ज्योति को स्वयं बुझने दें। अखंड ज्योति जब स्वयं बुझ जाए तो उसकी बाती को निकालकर किस पवित्र स्थान में आपको रख आना चाहिए, या फिर किसी नदी में भी आप इसे प्रवाहित कर सकते हैं। वहीं अखंड ज्योति में बचे हुए तेल को निकालकर आप इसे दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं। गलती से अगर फूंककर आपने बाती बुझा दी है, तो इसके लिए माता से तुरंत माफी मांग लें। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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