Last Updated:January 31, 2025, 13:26 IST
गणेश जयंती 2025 में 1 फरवरी को मनाई जाएगी. इस दिन को गणेश जी के अवतरण दिवस के रुप में मनाया जाता है. गणेश जी को जल्द प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान विशेष मंत्रों का जाप करना शुभफलदायी माना जाता है.
हाइलाइट्स
- गणेश जयंती 2025 में 1 फरवरी को मनाई जाएगी.
- गणेश जी के मंत्रों का जाप शुभफलदायी माना जाता है.
- गणेश चतुर्थी पूजा का मुहूर्त 11:38 AM से 1:40 PM तक रहेगा.
Ganesh Jayanti 2025: भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है. हर मांगलिक कार्य से लेकर धार्मिक अनुष्ठानों तक गणेश जी को सबसे पहले पूजा जाता है, इनके बाद बाकी सभी अन्य देवताओं की पूजा होती है. वहीं घरों में भी गणपति जी का वास बहुत अधिक महत्व रखता है, क्योंकि इन्हें विघ्नहर्ता कहते हैं और माना जाता है कि जिस घर में भगवान गणेश का वास होता है वहां सदैव बरकत बनी रहती है.
भगवान गणेश के निमित्त कई लोग बुधवार का व्रत रखते हैं तो कई हर माह में पड़ने वाली गणेश चतुर्थी का व्रत रखते हैं. वहीं माघ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है, कई लोग इसे माघी गणेश जयंती भी कहते हैं. इस दिन का बहुत अधिक महत्व माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश जी का अवतरण हुआ था, तो इसे उनके अवतरण दिवस के रुप में मनाते हैं. गणेश जयंती के दिन बप्पा का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत-पूजा के साथ मंत्रों का जाप करने का भी विधान है. आइए जानते हैं भोपाल निवासी पंडित रमाकांत मिश्रा से कि इस दिन किन मंत्रों का जाप शुभ फलदायी माना जाता है.
गणेश जयंती तारीख, मुहूर्त और मंत्र जाप
माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 1 फरवरी को सुबह 11 बजकर 38 मिनट पर प्रारंभ होगी और 02 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. वहीं गणेश चतुर्थी 1 फरवरी को मनाई जाएगी और इस दिन पूजा का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 38 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक रहेगा.
गणेश जयंती के दिन करें इन मंत्रों का जाप
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है. गणेश जी की पूजा करने से जातकों के विघ्न दूर होते हैं और साथ ही उनका आशीर्वाद भी हमें प्राप्त होता है. इसके साथ ही अगर हम इस दिन गणेश जी के मंत्रों का जाप करते हैं तो शुभफलों की प्राप्ति होती है व जीवन में आ रहे सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. मंत्र इस प्रकार हैं-
॥श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
॥ ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥
॥ ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
॥ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा॥
First Published :
January 31, 2025, 13:26 IST