सरकारी स्कूल के बच्चे
Balaghat News: ग्राउंड रिपोर्ट में यह सामने आया है कि कई स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, और जहां शिक्षक उपलब्ध नही ...अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : November 22, 2024, 10:30 IST
कटंगी. हमारे देश के संविधान के मूल अधिकार दिए गए है. इनमें से एक है शिक्षा का अधिकार. क्या वास्तव में हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिल रहा है. ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि अब कई स्कूल है, जो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे है. दरअसल, बालाघाट जिले के कटंगी विकासखंड के अंतर्गत आने वाले 12 स्कूल ऐसे है, जिनमें एक भी नियमित शिक्षक नहीं है. वहीं, 8 स्कूल ऐसे भी है, जो सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे पर चल रहे है. इसकी पड़ताल के लिए Local 18 की टीम उन स्कूलों में पहुंची. हमने वहां क्या पाया पढ़िए हमारी खास रिपोर्ट..
कई स्कूलों जूझ रहे शिक्षकों की कमी से
मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग का शैक्षणिक-सत्र अप्रैल से शुरू हो जाता है. साल 2024 का शैक्षणिक-सत्र अप्रैल में ही शुरू हुआ. लेकिन आधा शैक्षणिक सत्र बीत जाने तक अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई थी. अतिथि शिक्षकों की भर्ती वाले GMFS पोर्टल पर कई खामियों के चलते सितंबर तक स्कूलों में शिक्षकों की भर्तियां नहीं हो सकी. ऐसे में कई स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझते रहे.
विकासखंड कटंगी के 12 स्कूलों में नियमित शिक्षक नहीं थे. इनमें शासकीय माध्यमिक शाला जडखरीद, बासी, जोगाटोला, कोयलारी, बांडारेव, आम्बेझरी, कन्हड़गांव, सीतापठोर, पौनिया, हीरापुर, कोसुम्बा और प्राथमिक शाला नहरटोला (कामठी) है. वहीं, 8 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक पदस्थ है. इनमें प्राथमिक शाला सीतापठोर, शासकीय माध्यमिक शाला सेलवा, बालापुर, दुल्हापुर, कोडबी, करनूटोला, भजियापार और धनकोषा शामिल है.
अतिथि शिक्षक और प्रभारी शिक्षक के भरोसे चल रहे स्कूल
Local 18 ने पड़ताल में पाया कि इन बिना शिक्षक वाले स्कूलों में आधा शैक्षणिक-सत्र बीत जाने के बाद अतिरिक्त शिक्षकों को काम चलाऊ तरीके से पदस्थ किया गया है. वहीं, शिक्षण कार्य के लिए अगस्त-सितंबर में अतिथि शिक्षक नियुक्त किए गए है. इनमें भी शिक्षकों की कमी है. हर स्कूल में किसी न किसी विषय के शिक्षक नहीं है. ऐसे में सरकार द्वारा तय पाठ्यक्रम का पूरा होना अब लगभग मुश्किल है.
BRC बोले- इनमें वैकल्पिक व्यवस्था की गई
जनपद पंचायत कटंगी के BRC रविंद्र हरिनखेड़े से इस मामले में बातचीत की गई. उन्होंने बताया कि फिलहाल उन स्कूलों दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. साथ ही अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से वैकल्पिक व्यवस्था बन गई है. साथ ही शिक्षकों की कमी की जानकारी लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल भेज दी गई है.
Editer- Anuj Singh
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FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 10:30 IST