सांगली: महाराष्ट्र के सांगली के वालवा तालुका में गन्ने का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है और यहां के किसान पानी की प्रचुरता के कारण बागवानी और आधुनिक कृषि पर विशेष ध्यान देते हैं. कसेगांव के एक प्रगतिशील किसान उदय पाटिल ने पिछले पांच वर्षों से अमरूद की खेती शुरू की है, और अपने डेढ़ एकड़ के अमरूद के बगिचे को अच्छे से प्रबंधित करके वे सालाना 20 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं.
खेती कब से कर रहे हैं?
उदय पाटिल ने 2000 में खेती शुरू की थी. अपने भाई और परिवार की मदद से वे हमेशा कृषि में नए प्रयोग करते रहते हैं. वे शुरू से ही आधुनिक कृषि के प्रति आकर्षित रहे हैं. 2018 में उन्होंने फसल प्रयोग के तहत अमरूद की खेती शुरू की. डेढ़ एकड़ भूमि में उन्होंने VNR थाईलैंड किस्म के अमरूद के पेड़ लगाए.
अमरूद के पेड़ों की 18 महीने तक सही देखभाल की जाती है. इसके अलावा, उन्होंने पेड़ की बीच में श्यवंती जैसी फसलों का सहवर्तीय कृषि करके भी अच्छा लाभ कमाया. 18 महीने बाद, पहले ही साल में उन्होंने 15 टन अमरूद का उत्पादन किया. इसके बाद उन्होंने इस सफल प्रयोग को जारी रखा और अच्छे से प्रबंधित अमरूद के बगिचे से हर साल दो फसलें प्राप्त कीं. इन दो फसलों से औसतन 35 टन उत्पादन हो रहा है. उदय पाटिल ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि उनके द्वारा उत्पादित अमरूद की गुणवत्ता अच्छी होने के कारण उसे निर्यात भी किया जा रहा है.
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अमरूद की खेती में सफलता की कहानी
उदय पाटिल ने अमरूद की फसल के बारे में अच्छी तरह से अध्ययन किया है. प्रत्येक पेड़ से 25-30 फल प्राप्त होते हैं, और कम फलों से भी बेहतर गुणवत्ता मिलती है. एक फल का वजन लगभग एक किलो होता है. फल की अच्छी गुणवत्ता के कारण व्यापारी इन फलों को सीधे उनके खेत से खरीदते हैं. अमरूद का औसत मूल्य 60 से 65 रुपये प्रति किलो होता है. इस तरह से वे हर साल 20 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 16:59 IST