Interesting Facts : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार 1 फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करने वाली हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस बार बजट में टैक्सपेयर्स को कुछ राहत दी जा सकती है। बजट के इस सीजन में आज हम आपको दुनिया के अलग-अलग भागों में लगे कुछ बेतुके टैक्स के बारे में बताने जा रहे हैं। ये सरकारों द्वारा लगाए ऐसे टैक्स हैं, जिनके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा। आज के दौर में इस तरह के टैक्स की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। आइए जानते हैं।
दाढ़ी पर टैक्स
यह बात साल 1535 की है, जब इंग्लैंड के राजा हेनरी अष्टम ने दाढ़ी पर टैक्स लगा दिया था। हेनरी अष्टम के बाद उनकी बेटी एलिजाबेथ प्रथम ने दो हफ्ते से ज्यादा बड़ी दाढ़ी पर टैक्स लगाया था। इसमें भी नियम यह था कि अगर टैक्स वसूलने वाले अधिकारियों को वसूली के समय व्यक्ति घर पर गायब मिले तो टैक्स पड़ोसी को चुकाना होता था। इसके बाद रूस के राजा पीटर द ग्रेट ने भी दाढ़ी पर टैक्स लगाया था।
कुंवारों पर टैक्स
रोम के रााजा ऑगस्टस ने नौवीं सदी में कुवारों पर टैक्स लगाया था। इसका उद्देश्य शादी को बढ़ावा देना था। साथ ही उन शादीशुदा कपल पर भी टैक्स लगाया गया, जिनके बच्चे नहीं थे। इटली के राजा बेनितो मुसोलिनी ने भी साल 1924 में कुंवारों पर टैक्स लगाया था।
आत्मा पर टैक्स
साल 1718 में रूस के राजा पीटर द ग्रेट ने आत्मा पर टैक्स लगाया था। जो लोग आत्मा जैसी किसी चीज पर यकीन करते थे, उन्हें यह टैक्स देना होता था। जो लोग आत्मा को नहीं मानते थे, उनसे धर्म में आस्था न रखने का टैक्स लिया जाता था।
खिड़कियों पर टैक्स
इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय ने साल 1696 में खिड़कियों पर टैक्स लगाया था। इसमें लोगों को खिड़कियों की संख्या के हिसाब से टैक्स देना होता था।
सेक्स पर टैक्स
साल 1971 में अमेरिका के रोड आइलैंड में डेमोक्रेटिक स्टेट लेजिस्टेटर बर्नार्ड ग्लैडस्टोन ने हर सेक्सुअल इंटरकोर्स पर 2 डॉलर का टैक्स लगाने का प्रपोजल रखा था। हालांकि, इसे कभी लागू नहीं किया गया। इसके बाद साल 2004 में जर्मनी में आए नए टैक्स नियम के तहत हर प्रॉस्टिट्यूट को 150 यूरो प्रति महीने टैक्स देना होता था।
स्तन ढकने पर टैक्स
केरल के त्रावणकोर के राजा ने 19वीं शताब्दी में कथित रूप से निचली जाति की महिलाओं के स्तन ढकने पर टैक्स लगा दिया था। इन महिलाओं को स्तन ढकने की इजाजत नहीं थी।
गायों की डकार पर टैक्स
आपको विश्वास नहीं हो रहा होगा, लेकिन न्यूजीलेंड में पालतु पशुओं की डकार पर भी किसानों को टैक्स चुकाना होता है। ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार ग्रीनहाउस गैसों से निपटने के लिए न्यूजीलैंड में यह टैक्स लिया जाता है। न्यूजीलैंड में ग्रीनहाउस गैस की समस्या में सबसे ज्यादा योगदान पशुओं की डकार का है। यहां किसानों को साल 2025 से मवेशियों की डकार पर टैक्स देना पड़ रहा है।