पेरेंट्स की 5 आदतें बच्‍चों को बना देती हैं आलसी? समय रहते बदल जाएं

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Last Updated:January 31, 2025, 14:11 IST

Parenting habits that marque children lazy: माता-पिता की आदतें बच्चों के भविष्य पर गहरा असर डालती हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा जिम्मेदार और आत्मनिर्भर बने, तो कुछ आदतों से बचें और बच्चों को खुद से काम करने...और पढ़ें

पेरेंट्स की 5 आदतें बच्‍चों को बना देती हैं आलसी? समय रहते बदल जाएं

पेरेंट्स की इन आदतों की वजह से बच्‍चे बन जाते हैं आलसी. Image: Canva

हाइलाइट्स

  • पेरेंट्स की आदतें बच्चों को आलसी बना सकती हैं.
  • बच्चों को खुद से काम करने का मौका दें.
  • फोन देने से बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से आलसी होते हैं.

Reasons wherefore children go lazy: बच्चों का पालन-पोषण एक चुनौतीपूर्ण काम होता है, लेकिन अगर पेरेंट्स अपनी कुछ आदतों को समय रहते सुधार लें तो बच्चे भविष्य में ज्यादा जिम्मेदार और आत्मनिर्भर बन सकते हैं. दरअसल, पेरेंट्स कई बार अनजाने या प्‍यार-दुलार के चक्‍कर में कुछ ऐसा काम करने लगते हैं, जिससे बच्चे की आदत खराब हो जाती है और वे आलसी बन जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि पेरेंट्स समय रहते सचेत हो जाएं और बच्‍चों को आत्‍मनिर्भर और मेहनती बनने का मौका दें. अगर इन आदतों को समय रहते नहीं बदला गया, तो इसका असर बच्चों के पूरे जीवन पर पड़ सकता है.

पेरेंट्स की इन आदतों की वजह से बच्‍चे बन जाते हैं आलसी-

सारे काम खुद कर देना- कई पेरेंट्स बच्चों की छोटी से छोटी जरूरतों का भी ध्यान रखते हैं और उनका हर काम खुद कर देते हैं. यह आदत बच्चों को आलसी बना सकता है. दरअसल, उन्हें खुद से काम करने का मौका ही नहीं मिलता और वे समझ ही नहीं पाते हैं कि उन्‍हें वह काम किस तरह करना है. इसलिए बच्चों को खुद से अपने छोटे-छोटे काम करने का मौका दें.

बच्चों को व्‍यस्‍त रखने के लिए फोन देना- आजकल बच्चों को व्यस्त रखने के लिए उनके हाथ में फोन दे देना पेरेंट्स की एक आम आदत बन चुकी है. लेकिन यह आदत बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से आलसी बना देती है. घंटों तक स्क्रीन के सामने बैठने से बच्चे न केवल शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं, बल्कि उनकी मानसिक क्षमता भी कम होने लगती है. इसलिए, बच्चों को आउटडोर एक्टिविटीज या क्रिएटिव कामों में व्यस्त रखें. जिससे उनका दिमाग तेज और शरीर तंदुरुस्त रहे.

बच्चे को लेबल करना- कई पेरेंट्स बच्चों को आलसी, नालायक जैसे नकारात्मक लेबल लगा देते हैं. यह बच्चों की आत्मविश्वास को तोड़ता है और वे अपनी क्षमता पर भरोसा करना छोड़ देते हैं. बच्चों को हमेशा प्रेरित करें, उनकी तारीफ करें और उन्हें यह समझाएं कि वे किसी भी काम में सफल हो सकते हैं. उन्हें लेबल करने से उनका मनोबल टूटता है और वे और अधिक आलसी हो जाते हैं.

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खुद आलसी होना- बच्चे अपने माता-पिता का आदर्श मानते हैं. अगर माता-पिता आलसी हैं और घर के कामों से बचते हैं, तो बच्चों को भी यही सिखने को मिलता है. बच्चों के सामने काम करने का उदाहरण रखें, खुद को सक्रिय रहें और उत्साह रखें. जब बच्चे देखेंगे कि उनके माता-पिता मेहनत करते हैं, तो वे भी वैसा ही सीखेंगे और आलस नहीं करेंगे.

मुश्किल हालात से बचाना-  कई बार पेरेंट्स अपने बच्चों को छोटी-सी परेशानियों से भी बचाते रहते हैं. वे बच्चों की मुश्किलों का हल खुद ढूंढ लेते हैं, जिससे बच्चे परेशान न हों. लेकिन इससे बच्चे कठिनाइयों का सामना करना ही नहीं सीख पाते. बच्चों को कभी-कभी संघर्ष करने का मौका दें. जिससे वे समस्याओं का समाधान खुद ढूंढ सकें और आत्मनिर्भर बन सकें.

First Published :

January 31, 2025, 14:11 IST

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