नई दिल्ली:
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने उन भारतीय नागरिकों को सतर्क किया है जिनके पास विदेशी संपत्ति या आय है. सीबीडीटी ने कहा है कि ऐसे लोगों को आयकर रिटर्न दाखिल (ITR Filing 2024) करते समय सही आईटीआर फॉर्म (ITR Form) चुनना बेहद जरूरी है.
सीबीडीटी के अनुसार, चालू आकलन वर्ष में अब तक लगभग दो लाख आयकर रिटर्न दाखिल (Income Tax Return Filing) किए गए हैं जिनमें विदेशी संपत्ति और आय का विवरण दिया गया है. हालांकि, विभाग को यह चिंता है कि कुछ लोग गलत आईटीआर म का उपयोग कर रहे होंगे.
क्यों जरूरी है सही ITR फॉर्म चुनना?
- कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए: गलत आईटीआर दाखिल करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
- दंड से बचने के लिए: गलत जानकारी देने पर जुर्माना लग सकता है.
- सही कर गणना के लिए: सही आईटीआर चुनने से आपकी कर देनदारी सही तरीके से निर्धारित होगी.
कौन सा आईटीआर फॉर्म चुनें?
विदेशी संपत्ति या आय वाले लोगों को आईटीआर-2 या आईटीआर-3 फॉर्म का उपयोग करना चाहिए. आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म उन लोगों के लिए हैं जिनके पास विदेशी संपत्ति या आय नहीं है.
अगर गलत आईटीआर दाखिल कर दिया तो क्या करें ?
अगर आपने गलत आईटीआर दाखिल कर दिया है, तो आप 31 दिसंबर तक अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.विदेशी संपत्ति या आय वाले लोगों के लिए सही आईटीआर चुनना बेहद जरूरी है. अगर आपने गलत आईटीआर दाखिल कर दिया है, तो आपको जल्द से जल्द संशोधित रिटर्न दाखिल करना चाहिए.
कर्मचारी शेयर विकल्पों के जरिए मिले शेयरों और अर्जित आय को भी आयकर रिटर्न में दिखाना जरूरी है.2015 के कालाधन विरोधी अधिनियम के तहत गलत जानकारी देने पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है.इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप सीबीडीटी की वेबसाइट पर जा सकते हैं.