बुशरा बीबी जो आज तक पाकिस्तान के साथ ही पूरी दुनिया के लिए मिस्ट्री वुमन बनी रहीं. आज वही बुशरा बीबी पाकिस्तान की हुकूमत को खुलेआम चुनौती दे रही हैं. बुशरा ने अपने हज़ारों समर्थकों के साथ इस्लामाबाद कूच कर दिया है और इसी से घबराई शहबाज शरीफ सरकार ने इस्लामाबाद को लॉकडाउन कर दिया है.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार विरोधी ‘फाइनल कॉल’ रैली, इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में पहुंच गई है. यह रैली रविवार को खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर से शुरू हुई थी. देश की राजधानी में इसके प्रवेश को रोकने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं. उन्होंने अपने पति के जेल से रिहा होने तक इसे जारी रखने की कसम खाई है.
बुशरा बीबी के साथ हजारों पीटीआई समर्थक कर रहे कूच
बुशरा बीबी के साथ, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर भी इस रैली का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें हजारों पीटीआई समर्थक शामिल हुए हैं. रविवार को इस्लामाबाद से कुछ किलोमीटर दूर डेरा डाले प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों ने रबर की गोलियों से हमला किया. इस्लामाबाद की ओर जाने वाली सड़कों पर कई शिपिंग कंटेनर भी रखे गए हैं ताकि उन्हें राजधानी में प्रवेश करने से रोका जा सके.
Just IN:— Thousands of supporters of erstwhile Pakistan PM Imran Khan march towards Islamabad, arsenic govt lockdowns the capital.pic.twitter.com/90xgbOsUVO
— South Asia Index (@SouthAsiaIndex) November 25, 2024
पीटीआई समर्थकों को संबोधित करते हुए बुशरा बीबी ने सभी से आगे बढ़ने और इमरान खान की रिहाई सुनिश्चित करने की अपील की.
बुशरा बीबी ने कहा, ‘हम आगे बढ़ते रहेंगे और इमरान खान के बिना वापस नहीं जाएंगे. जब तक इमरान खान रिहा नहीं हो जाते, हम विरोध प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे. भले ही मेरे साथ कोई भी खड़ा न हो, फिर भी मैं इमरान खान के बिना वापस नहीं जाऊंगी. मैं खैबर पख्तूनख्वा के पठानों से अपनी ताकत दिखाने की अपील करती हूं. मुझे यकीन है कि वे अपने सम्मान और गरिमा से समझौता नहीं करेंगे.’
इस्लामाबाद के डी-चौक है टार्गेट
पीटीआई समर्थकों ने इस्लामाबाद के डी-चौक को अपना लक्ष्य बनाया है. उनकी योजना इस महत्वपूर्ण स्थान पर विरोध प्रदर्शन करने की है. इमरान खान की रिहाई की मांग के अलावा, वे फरवरी के आम चुनावों मे कथित जनादेश की वापसी चाहते हैं, जिसके बारे में पीटीआई का दावा है कि उसे चुराया गया था और 26वें संशोधन को उलट दिया जाना चाहिए.
दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि वह पीटीआई समर्थकों को देश की राजधानी में हिंसा और अराजकता फैलाने की अनुमति नहीं देगी. पंजाब प्रांत की प्रवक्ता आजमा बुखारी ने भी पुलिस अधिकारियों और उनके वाहनों पर हिंसक हमलों के लिए पीटीआई की आलोचना की. लाहौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बुखारी ने कहा, ‘इस्लामाबाद के पास खन्ना पुल में एक पुलिस मोबाइल वैन को आग लगा दी गई. पुलिस अधिकारियों पर हमला किया गया और वे घायल हो गए. हम लंबे समय से कह रहे हैं कि पीटीआई और शांति को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता. पीटीआई यह सुनिश्चित करना चाहती है कि खून-खराबा हो, यही वजह है कि बुशरा बीबी और गंडापुर लोगों को सुरक्षा बलों से भिड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं.’
बुखारी ने कहा, ‘पीटीआई पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान में बुरी तरह नाकाम रही है, क्योंकि कोई भी उनके समर्थन में सामने नहीं आया है. केपी में गंडापुर को कुर्रम या बाजौर में हुए रक्तपात की जरा भी चिंता नहीं है और वह विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए अपनी प्रांतीय सरकार के सभी संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं.’
क्यों टेंशन में शहबाज सरकार
सूत्रों का कहना है कि पीटीआई नेतृत्व से कहा जा रहा है कि वह विरोध प्रदर्शन बंद कर दे और राजधानी में प्रवेश न करे, खास तौर पर बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की पाकिस्तान यात्रा के दौरान, जो सोमवार को इस्लामाबाद पहुंचे. पीटीआई को यह भी बताया गया है कि उसके पास राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने की कोई कानूनी अनुमति नहीं है, क्योंकि इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) ने कहा है कि न तो प्रदर्शनकारियों को राजधानी में प्रवेश करने दिया जाएगा और न ही उनके साथ कोई नरमी बरती जाएगी.
ऐसा लगता है कि पीटीआई कार्यकर्ता नरम पड़ने के मूड में नहीं हैं और वे अपने नेता इमरान खान के जेल से रिहा होने तक सुरक्षा अधिकारियों से भिड़ने के लिए तैयार हैं. (एजेंसी इनपुट के साथ)
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 23:04 IST