समस्या को लेकर बैठक करते कृषि विभाग के अधिकारी
गोपालगंज. कृषि विभाग ने अब साफ कर दिया है कि यदि किसान अपने खेतों में फसलों के अवशेष जैसे पराली, पुआल, भूसा या खूंटी को जलाएंगे तो उन्हें कृषि विभाग के किसी भी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. खेतों में फसल अवशेष नहीं जलाने को लेकर कृषि विभाग लगातार किसानों से अपील कर रहा है. क्योंकि इसे जलाने से फायदा से अधिक नुकसान हो रहा है. अब कृषि विभाग ने इसको लेकर नया निर्देश जारी किया है. अगर किसान खेतों में पराली को जलाते हुए पकड़े गए, तो उन्हें आगे से किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा. इसको लेकर विभाग के सभी अधिकारी को कर्मियों को निर्देश दे दिया गया है.
जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार सुमन ने बताया कि सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक तथा किसान सलाहकारों को यह निर्देश दिया गया है कि किसानों से यह अपील करें कि फसल के अवशेष काे खेतों में ना जलाएं. उन्हें इसके नुकसान के बारे में भी बताएं. अगर इसके बावजूद भी कोई किसान फसल अवशेष को खेतों में जलाता है, तो इसकी जानकारी विभाग को दें. तत्काल उनका नाम ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाएगा और कृषि विभाग के सभी योजनाओं से उन्हें वंचित कर दिया जाएगा.
पुआल को जलाने से खेतों का हो रहा नुकसान
डीएओ ने कहा कि फसल के अवशेष को जलाने से मिट्टी का तापमान बढ़ता है, जिससे जमीन का कार्बन तथा अन्य पोषक तत्व जलकर नष्ट हो जाते है नाइट्रोजन की भी कमी हो जाती है. जिससे उर्वरा शक्ति कम हो जाती है. धीरे-धीरे मिट्टी मरणासन्न की ओर चला जाता है और उपज घटने लगती है. जलाने के समय भारी मात्रा में हानिकारक गैसें भी निकलती है, जो वातावरण के लिए भी खतरनाक है.
खेतों में मिला दें फसलों के अवशेष, तो होगा फायदा
कृषि विभाग ने किसानों से अपील किया है कि खेतों से निकलने वाले अवशेष को जमीन में ही मिला दें. इससे जमीन को नाइट्रोजन, सल्फर, पोटाश, ऑर्गेनिक, कार्बन जैसे पोषक तत्व भारी मात्रा में खेतों में सम्मिलित हो जाते हैं. जिससे आगामी फसलों को फायदा होता है.
अवशेष प्रबंधन के लिये सस्ते दर पर मिल रहे मशीन
फसल अवशेष के प्रबंधन के लिए कृषि विभाग की ओर से कई मशीनरी यंत्र विशेष अनुदान पर दिया जा रहा है. इसमें रीपर कम बाइंडर, गेहूं की फसल कटाई करके बांधने का भी काम करता है. स्ट्रॉ रीपर, खेतों में बिखरे पुआल को एकत्रित करके गांठ बना देता है. हैप्पी सीडर की सहायता से कंबाइन मशीन द्वारा काटे गए धान के खेतों में बिना पुआल जलाए गेहूं की बुवाई हो सकती है. यह जमीन में बचे हुए पुआल को काटकर मल्चर के रूप में जमीन मिला देता है. रोटरी मल्चर भी धान के पुआल तथा खर- पतवारों को मिट्टी मिला देता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 23:53 IST