खरगोन. सर्दी में ठंड से बचने के लिए लोगों द्वारा गर्म कपड़ों का सहारा लेना आम बात है. लेकिन, अगर हम कहें भगवान को भी ठंड लगती है और बचाव के लिए उन्हें भी गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ता है तो शायद आप विश्वास न करें, लेकिन यह बात बिल्कुल सही है. मध्य प्रदेश के खरगोन में ठाकुरजी को ठंड लग रही है और भक्तों ने उन्हें साल ओढ़ाई है. कहीं-कहीं गर्माहट देने के लिए अलावा भी जलाए गए हैं.
दरअसल, इन दिनों खरगोन का मौसम काफी सर्द हो चुका है. रात के समय लोगों का घरों से बाहर निकलना कम हो चुका. ठंड से बचने के लिए लोग अलाव जला रहे हैं, गर्म कपड़े पहन रहे हैं. बहुत जरूरी हो तो ही बाहर निकल रहे हैं. यहां रात का तापमान 11-12 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. दिन का तापमान भी 28 डिग्री से कम है. वहीं, शीत लहर के चलते कृष्ण मंदिरों सहित अन्य मंदिरों में ठाकुरजी को भी भक्तों ने गर्म कपड़े ओढ़ा दिए हैं. उनका मानना है कि जब सबको ठंड लगती है तो भगवान भी लगती होगी.
इन मंदिरों में भगवान को ओढ़ाई शॉल
कुछ ऐसा ही नजारा खरगोन के श्री बांके बिहारी मंदिर और भगवान पंढरीनाथ रुकमणी मंदिर सहित अन्य मंदिर में भी देखने को मिला. जहां भक्तों ने भगवान को ठंड से बचाने के लिए साल ओढ़ाई है. इसी प्रकार अन्य मंदिरों में भी श्रीकृष्ण, राधा-रानी, भगवान शिव, भगवान श्रीराम, जानकी सहित अन्य भगवानों के विग्रह को गर्म कपड़े पहनाए हैं.
पंढरपुर से लाए थे भगवान का विग्रह
जिले के अति प्राचीन पंढरीनाथ रुकमणी मंदिर के पुजारी विपिन तिवारी ने बताया कि, यह मंदिर अति प्राचीन है. यहां भगवान कृष्ण और रुकमणि की श्वेत प्रतिमा स्थापित है, जो करीब 300 साल पहले पंढरपुर से लाई गई थी. इस मंदिर का निर्माण रानी अहिल्या बाई होलकर ने करवाया था. मंदिर से हजारों लोगों की आस्था जुड़ी है. पूरे साल मंदिर में “हरे कृष्ण हरे राम’ नाम का जाप चलता है.
भगवान को भी लगती होगी ठंड
पुजारी ने बताया कि मंदिर में रोजाना सुबह शाम भगवान की आरती होती है. जिसमें सैकड़ों लोग शामिल होते है. भक्तों का मानना है कि सर्दियों में जिस प्रकार हमे ठंड लगती है, भगवान को भी लगती होगी. इसलिए भगवान को ठंड से बचाने के लिए शॉल ओढ़ाई गई है. मंदिर में भगवान श्रीराम, माता जानकी, भगवान दत्तात्रेय सहित अन्य देवी देवताओं को भी शॉल ओढ़ाई है.
FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 17:01 IST