खरगोन. गणतंत्र दिवस परेड (आरडीसी) में शामिल होना हर एनसीसी कैडेट्स का सपना होता है. लेकिन, कई बार छोटे शहरों के केडेट्स के लिए यह सिर्फ सपना ही बनकर रह जाता है .दरअसल, खरगोन के सबसे पुराने सरकारी स्कूलों में से एक महात्मा गांधी शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मंडलेश्वर के एनसीसी कैडेट्स का भी कुछ यही हाल है. यहां साल 1965 से बच्चों को एनसीसी की ट्रेनिंग दी जा रही है, लेकिन अब तक कोई भी कैडेट आरडीसी परेड में हिस्सा नहीं ले पाया.
सेवानिवृत्त एनसीसी अधिकारी वीपी शर्मा ने बताया, आरडीसी परेड का हिस्सा बनना किसी भी कैडेट के लिए गौरवशाली बात है, लेकिन संसाधनों की कमी की वजह से यहां छात्रों को परेड में शामिल होने का कभी अवसर प्राप्त नहीं हुआ. उन्होंने बताया, परेड में शामिल होने के लिए सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी और सांस्कृतिक गतिविधियों में बेहतरीन प्रदर्शन करना पड़ता है. लेकिन, सरकारी स्कूलों के छात्रों को इन मानकों पर खरा उतरने के लिए संसाधन के अभाव से जूझना पड़ रहा है.
नर्मदा किनारे नेवल विंग की मांग
बता दें कि मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा नदी के किनारे बसे मंडलेश्वर और महेश्वर जैसे क्षेत्रों में एनसीसी का नेवल विंग शुरू करने की मांग लंबे समय से की जा रही है. समाजसेवी और इतिहासकार दुर्गेश कुमार राजदीप ओर NCC अधिकारी ने भी बीते दिनों एनसीसी ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर सौरभ जैन से नगर में नेवल विंग शुरू करने करने की मांग की थी. उनका कहना है कि नेवल विंग शुरू होने से स्थानीय छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतरीन मौका मिलेगा.
42 कैडेट्स ने ट्रेनिंग कैंप अटेंड किया
वर्तमान एनसीसी अधिकारी राकेश बारिया ने बताया कि इस साल सेकंड ईयर के 42 कैडेट्स ने ट्रेनिंग कैंप अटेंड किया है. दो कैडेट्स दिसंबर में होने वाले कैंप में भाग लेंगे, जबकि फर्स्ट ईयर के 56 कैडेट्स को गर्मियों के कैंप के लिए तैयार किया जा रहा है. हफ्ते में एक बार परेड और अन्य गतिविधियों के जरिए छात्रों को नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों में प्रतिभा की कमी नहीं
बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों में प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन सुविधाओं के अभाव और सही मार्गदर्शन नहीं मिलने की वजह से छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिलता है. अगर नेवल विंग और बेहतर संसाधन मिलते है तो निश्चित ही मंडलेश्वर के कैडेट्स भी आरडीसी परेड में शामिल होकर न सिर्फ अपनी, बल्कि क्षेत्र की पहचान भी राष्ट्रीय स्तर पर बना सकते हैं.
FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 19:01 IST