इंदौर नो कार डे.
इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने सात वर्षों से स्वच्छता में पहचान बनाई है. वहीं, इंदौर में लगातार नए-नए प्रयोग हो रहे हैं. इन प्रयोगों से स्वच्छता में नंबर वन बनाने के लिए शासन-प्रशासन लगातार प्रयासरत है. अब शहर के ट्रैफिक को सुगम और व्यवस्थित रखने के लिए 22 सितंबर को No Car Day का आयोजन किया गया. इस मौके पर इंदौर प्रशासन ने लोगों से एक दिन के लिए कार प्रयोग न करने की अपील की.
E-bike से पहुंचे कलेक्टर
नो कार डे के मौके पर इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह भी ई-बाइक से अपने ऑफिस पहुंचे. महापौर पुष्यमित्र भार्गव अपने निवास रेडियो कॉलोनी से शिवाजी वाटिका पर नो कार डे के अवसर पर आयोजित ओपन और कैनवस कार्यक्रम में साइकिल से पहुंचे. इंदौर में नो कार डे का असर दिखाई दिया. सड़कों में कार नहीं दौड़ी. बीआरटीएस के मार्ग पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अलावा ई-बाइक और ई-रिक्शा उपलब्ध रहा.
जगह-जगह कार्यक्रम
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने लोगों से अपील की कि 22 सितंबर को आप सभी पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ वायु गुणवत्ता के सुधार कार्य में सहयोग करें. इस मौके पर बीआरटीएस के प्रमुख मार्गों पर तरह-तरह की गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं. कहीं नुक्कड़ नाटक तो कहीं ओपन और कैनवस कार्यक्रम आयोजित किए गए. नवलखा पर नुक्कड़ नाटक, शिवाजी वाटिका पर ओपन एयर बैंड, पलासिया पर बैंड नुक्कड़ नाटक, फ्लैश मॉब, एमआर-9, रसोमा स्क्वायर और विजयनगर स्क्वायर पर भी कई कार्यक्रम हुए.
पिछले साल भी हुआ था आयोजन
बता दें कि इंदौर में पिछले वर्ष भी 22 सितंबर को नो कार डे मनाया गया था. महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक, पिछले साल नो कार डे पर 12 फीसदी कारें कम निकलीं थीं. इससे इंदौर ने 80,000 लीटर ईंधन बचाया. 18 फीसदी वायु प्रदूषण कम किया और सल्फर मोनोऑक्साइड गैस का उत्सर्जन 5.5 फीसदी कम किया था.
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FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 23:02 IST