Agency:News18 Uttarakhand
Last Updated:January 24, 2025, 22:56 IST
Public Opinion dehradun radical connected UCC : उत्तराखंड में इसी महीने यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने की चर्चा है. इस कदम से सभी समुदायों के अलग-अलग पर्सनल लॉ हट जाएंगे.
देहरादून के लोगों ने रखी UCC पर भी अपनी राय
हाइलाइट्स
- उत्तराखंड में UCC लागू करने की तैयारी.
- लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा.
- देहरादून में UCC पर जनता की राय बंटी हुई.
देहरादून. उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है. बीते सोमवार को राज्य कैबिनेट ने यूसीसी की नियमावली को मंजूरी दे दी, जिससे शादी, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप, वसीयत और उत्तराधिकार जैसे मामलों में एक समान कानून लागू होगा. इस कदम के साथ सभी समुदायों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हट जाएंगे. यूसीसी सभी के अधिकार सुनिश्चित करेगा, जिससे उन्हें संपत्ति और पारिवारिक अधिकारों में समानता मिलेगी. हालांकि, इस कानून के साथ लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने को लेकर देहरादून की जनता की राय बंटी हुई है.
पूरी तरह हो बैन
देहरादून की रेखा चौहान ने यूसीसी का समर्थन किया, लेकिन लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि सरकार को इसे पूरी तरह से बैन करना चाहिए था. रजिस्ट्रेशन का मतलब इसे मान्यता देना है, जो समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा. उनका मानना है कि लिव इन रिलेशनशिप जैसी चीजें संस्कृति को खराब कर देगी.
लागू हुआ तो बनेगा स्वर्ग
प्रिंसी रमोला ने यूसीसी की तारीफ करते हुए कहा कि इस कानून से जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव खत्म होगा. इसे लागू करने वाला उत्तराखंड का पहला राज्य बनना गर्व की बात है. देवभूमि उत्तराखंड में अगर ऐसा कानून लागू होता है तो सही में ये राज्य सभी पंथ, जाति और समुदाय के लोगों के लिए स्वर्ग बन जाएगा.
कठोर प्रावधान
गौतम गोयल ने सवाल उठाया कि क्या लोग वास्तव में लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन करवाएंगे. उनका कहना है कि एक देश, एक कानून होना चाहिए. लेकिन लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कठोर प्रावधान जरूरी हैं, वरना इसका असर खत्म हो सकता है.
समानता का कानून
देहरादून के युवा जीशान आसिफ ने कहा कि यूसीसी सभी को एक कानून के तहत लाएगा, जो एक अच्छा कदम है. लिव-इन रिलेशनशिप पर सरकार को कड़ी नजर रखनी चाहिए. यूसीसी समानता को दर्शाने वाला कानून है. उम्मीद करते हैं कि ये कानून राज्य की विकास में सहायक होगा.
निजी मामला
शिवानंद बलूनी ने लिव-इन रिलेशनशिप को दो लोगों के बीच का निजी मामला बताया. उन्होंने कहा कि वैसे ये दो लोगों के बीच का निजी मामला है, लेकिन शोषण जैसी चीजें रोकने के लिए यूसीसी के प्रावधान सही दिशा में हैं. शानू ने कहा कि स्टूडेंट्स के लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के कई मामले देखे गए हैं. रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कितनी सफल होगी, यह देखना दिलचस्प होगा. मेरी नजर में कई लोग लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवाएंगे. ऐसे में सरकार इस कानून को कितनी कठोरता से लागू करेगी, ये देखना होगा.
यूसीसी के लागू करने की चर्चाओं के बीच उत्तराखंड में नई बहस शुरू हो गई है. शादी, तलाक और लिव-इन जैसे मुद्दों पर समाज की राय बंटी हुई है. क्या यह कानून समानता लाएगा या इससे नई चुनौतियां खड़ी होंगी. यह देखना बाकी है.
Location :
Dehradun,Uttarakhand
First Published :
January 24, 2025, 22:56 IST
Public Opinion : लिव-इन के रजिस्ट्रेशन और UCC पर देहरादून के लोगों ने रखी राय