Rama Ekadashi 2024: कब है रमा एकादशी? कामधेनु के समान है फलदायी

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Rama Ekadashi 2024: कब है रमा एकादशी? कामधेनु के समान है फलदायी, नोट करें पारण का समय

Rama Ekadashi 2024: ह‍िंदू पंचांग के अनुसार 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी मनाई जाती है. यह पर्व भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष है. रमा एकादशी इस बार 28 अक्‍टूबर को है. रमा एकादशी का पारण 29 अक्टूबर को सुबह 6:23 से सुबह 8:35 बजे के बीच किया जा सकता है. एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार, इस दिन व्रती के सभी पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु का धाम प्राप्त होता है. पद्म पुराण के अनुसार रमा एकादशी का व्रत रखना कामधेनु गाय को घर में रखने और चिंतामणि के समान फल देने वाले माना गया है. लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर अपने भक्त की धन-धान्य की कमी दूर करती हैं.

जब कभी भी व्रत किया जाता है तो यह समय अंत:करण में झांकते हुए मनन करने का होता है क्योंकि जब व्यक्ति जागृत अवस्था में कुछ नहीं खाएगा नहीं तो वह अपने अंदर समाहित होगा. स्वयं के बारे में जिज्ञासु होगा. एकादशी में पांच ज्ञानेंद्रिया, पांच कर्मेंद्रियां और एक अंतकरण यानि मन होता है. इन सभी इंद्रियों तथा मन को कंट्रोल करने के लिए ही एकादशी का व्रत रखा जाता है. व्रत और उपवास दो अलग अलग शब्द होते हैं. व्रत का अर्थ है प्रतिज्ञा करना और उपवास दो शब्दों से मिलकर बना है, उप यानि अपना और वास यानि रहना. उपवास का अर्थ हुआ अपने में वास रहना.

एकादशी के दिन चावल नहीं खाने का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

एकादशी में चावल का सेवन इसलिए निषेध माना गया है क्योंकि एकादशी अमावस से चार दिन पहले आती है और उस चंद्रमा की गति से समुंद्र में ज्वार भाटा आता है. शरीर में चंद्रमा शांत अवस्था में रहे इसलिए ही चावल का सेवन निषेध माना गया है. क्योंकि चावल की खेती में सबसे ज्यादा पानी चाहिए होता है, चावल की फसल बहुत ज्यादा मात्रा में पानी सोख लेता है. एकादशी का व्रत रखने वाले को कभी कैंसर नहीं होता है. इटली के साइंटिस्ट डॉ वेल्टर लेंगो ने कैंसर से पीड़ित चूहों पर प्रयोग किया. निष्कर्ष यह निकला कि उपवास से कैंसर ठीक करने की कीमोथेरेपी के हानिकारक प्रभाव को कम किया जा सकता है. इसलिए जो लोग एकादशी का व्रत रखते हैं 90 प्रतिशत ऐसे लोगों में कभी कैंसर नहीं होता है.

एकादशी के दिन क्या करें

घर के अंदर लाल बत्ती का दीया जलाएं.
घर को गंगाजल से छिड़काव कर लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें.
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को मखाने की खीर का भोग लगाएं. उसमें तुलसी जरूर डालें.
इस दिन एकाक्षी नारियल घर लाना और उसकी पूजा करने से मां लक्ष्मी का घर में वास होता है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha

FIRST PUBLISHED :

October 25, 2024, 18:28 IST

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