UP में पांडवों का अज्ञातवास: प्यास बुझाने के लिए भीम ने गदा से निकाला था पानी

2 hours ago 1

X

News

News 18 

बस्ती: झुंगीनाथ, जो बस्ती जिले में स्थित है, ऐतिहासिक पांडवों की विरासत का प्रतीक है. यह स्थान अज्ञातवास के दौरान पांडवों के साधना और पूजा का केंद्र रहा है. पांडवों ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी, जो इस स्थल को आस्था का प्रमुख केंद्र बना देता है. झुंगीनाथ में आने वाले भक्तों को आज भी उस अद्भुत समय की झलक मिलती है. झुंगीनाथ मंदिर के पुजारी जयशंकर दास लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि पहले इस स्थान पर विराट जंगल फैला हुआ था. यह स्थल गडरिया द्वारा खोजा गया था, जहां झाड़ियों के बीच एक शिवलिंग देखा गया. इसी कारण इस मंदिर का नाम “बाबा झुंगीनाथ” पड़ा. महाभारत काल में यह क्षेत्र राजा विराट की राजधानी था, और पांडवों ने यहां अपने अज्ञातवास का महत्वपूर्ण समय बिताया था. आसपास के गांवों में आज भी उस काल की गूंज सुनाई देती है, विशेषकर रसोइया गांव, जहां माता कुंती ने पांडवों के लिए भोजन बनाया.

भीमकुंड का महत्व
मनोरमा नदी में स्थित भीमकुंड का स्थान भी अज्ञातवास की एक महत्वपूर्ण कहानी से जुड़ा है. एक बार जब पांडवों को प्यास लगी, तब भीम ने अपनी गदा के बल पर पानी निकाला था. इस क्षेत्र में सिद्धव नामक असुर का पांडवों द्वारा संहार किया गया था, जिसे आज भी सिद्धव नाला के रूप में जाना जाता है.

भगवान शिव का आश्वासन
पुजारी जय प्रकाश दास बताते हैं कि माता कुंती और पांडवों को भगवान शिव ने आराधना के दौरान दर्शन दिए. भगवान शिव ने पांडवों को आश्वासन दिया कि उनका अज्ञातवास यहीं समाप्त होगा. यह अद्भुत अनुभव इस स्थान की महत्ता को और बढ़ाता है.

राक्षस के नाम पर है मथुरा का ये गांव, यहीं से शुरू होती है 84 कोस परिक्रमा

पांडवों के अवशेष
झुंगीनाथ में आज भी पांच पांडवों के अवशेष मौजूद हैं. आसपास के गांवों में भी पांडवों के साथ जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं. रसोईया गांव का नाम भी इसीलिए पड़ा क्योंकि माता कुंती ने अज्ञातवास के दौरान पांडवों के लिए खाना बनाया. सिद्धव नाला का निर्माण उस समय हुआ जब पांडवों ने असुर को घसीटा, और उसके नाखूनों से नाला बना, जो आज भी विद्यमान है.

आस्था का केंद्र
झुंगीनाथ में साल भर पूजा-पाठ और बड़े-बड़े अनुष्ठान होते रहते हैं. विशेष अवसरों पर, जैसे चैत्र पूर्णिमा, महाशिवरात्रि, और सावन माह के तेरस पर, हजारों कांवड़िए जलाभिषेक के लिए आते हैं. यहां की पवित्रता और आस्था से लोग जुड़ते हैं, और यह स्थल श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं को पूर्ण करने का स्थान माना जाता है.

Tags: Basti news, Local18, Special Project, UP news

FIRST PUBLISHED :

October 23, 2024, 13:44 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article