हाइलाइट्स
अजित पवार बारामती विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं.शरद पवार का पोता युगेंद्र इस सीट से चाचा को चुनौती देगा.अजित ने जिसे गलती बताया था वही दाव अब शरद पवार खेल रहे हैं.
नई दिल्ली. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान 20 नवंबर को राज्य में वोटिंग होने है. ऐसे में गुरुवार को एक के बाद एक मैरथन स्तर पर सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की. अजित पवार बारामती सीट से चुनावी मैदान में हैं. चाचा शरद पवार ने पार्टी कैंडिडेट की लिस्ट जारी करते वक्त ऐसा दाव खेला, जिसे बहुत से राजनीतिक पंडित मास्टर-स्ट्रोक बता रहे हैं. हालांकि एक सच यह भी है कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान अजित गुट की तरफ से से भी ऐसा ही मास्टर-स्ट्रोक खेला गया था. बाद में खुद अजित पवार की तरफ से अपने उस कदम को बहुत बड़ी भूल करार दिया गया था.
अजित पवार के सामने चाचा शरद पवार ने बारामती सीट से अपने पोते युगेंद्र पवार को उतारा है. युगेंद्र अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं. वो बोस्टन से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुके हैं. लंबे वक्त से वो शरद पवार और सुप्रिया सुले के साथ मंच पर नजर आते रहे हैं. एनसीपी के दो टूकड़े कर अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार की पार्टी को तगड़ा डैमेज किया था. अब शरद पवार ने अजित को डैमेज करने के लिए अपने पोते युगेंद्र पवार को अजित के खिलाफ मैदान में उतारा है. एक बार फिर पवार परिवार में नए चाचा-भतीजे के बीच जंग देखने को मिलेगी.
अजित पवार ने क्या की थी गलती?
अजित पवार ने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बारामती सीट से अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारा था. इससे पहले ही एनसीपी शरद पवार गुट की लिस्ट जारी हो चुकी थी. शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को इस सीट से चुनाव में उतारा था. सुप्रिया ने इस चुनाव में जीत दर्ज की थी. सुनेत्रा ने भी उन्हें यहां अच्छी खासी टक्कर दी थी. हालांकि बाद में अजित पवार ने अपनी गलती मानी थी. उनका कहना था कि अपनी बहन के खिलाफ उन्हें चुनावी मैदान में पत्नी को नहीं उतारना चाहिए था.
शरद पवार ने क्यों खेला युगेंद्र वाला दांव?
अब शरद पवार ने अपने पोते को अपने भतीजे अजित पवार के खिलाफ मैदान में उतारा है. खैर नतीजा कुछ भी हो लेकिन अजित और युगेंद्र के आमने-सामने से मुकाबला काफी रोचक हो गया है. शरद पवार को राजनीति का चाणक्य माना जाता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिस चीज को अजित ने अपनी गलती बताया उसे शरद मास्टर-स्ट्रोक की तरफ इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं. इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि पोते युगेंद्र अभी भी राजनीति में नए हैं. अगर वो अजित के खिलाफ हार भी जाते हैं तो भी वो सीधे नेशनल मीडिया की नजरों में आ जाएंगे. उन्हें पार्टी की नई लीडरशिप के तौर पर प्रोजेक्ट करने का यह शरद पवार का तरीका हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 25, 2024, 10:25 IST