अठन्नी को हल्के में मत लेना... कस्टमर को नहीं लौटाए 50 पैसे, अब डाकघर देगा 15K

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नई दिल्ली: क्या आपने सोचा है कि किसी को 50 पैसे की कीमत 15 हजार रुपए देकर चुकानी पड़े? जी हां, ऐसा सच में हुआ है. एक पोस्ट ऑफिस को 50 पैसे वापस न करने के लिए अब उसे 15 हजार रुपए हर्जाने के तौर पर देने होंगे. यह घटना चेन्नई की है. एक शख्स ने 50 पैसे के सिक्के के लिए पोस्ट ऑफिस पर ही मुकदमा ठोक दिया. हैरानी की बात ये है कि मुकदमे में उसकी जीत हुई और उसे 2999900% का रिटर्न मिला है. दरअसल, शख्स ने पोस्ट ऑफिस को 30 रुपये का भुगतान किया था, जिसमें से 50 पैसे उसे वापस मिलने थे. हालांकि, पोस्ट ऑफिस ने पैसे देने से इनकार कर दिया था. मामला कंज्यूमर कोर्ट यानी उपभोक्ता अदालत पहुंचा. शख्स ने अपनी दलील दी और इसके बाद कंज्यूमर कोर्ट ने पोस्ट ऑफिस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए उस शख्स के पैसे लौटाने का आदेश दिया.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, यह मामला पिछले साल 3 दिसंबर का है. गरुगंबक्कम के रहने वाले मानसा एक रजिस्टर्ड चिट्ठी भेजने के लिए पोलीचालूर पोस्ट ऑफिस यानी डाकघर गए थे. उन्होंने काउंटर पर 30 रुपये का भुगतान किया. कायदे से उन्हें डाकघर से उन्हें 50 पैसे वापस मिलने चाहिए थे, क्योंकि चिट्ठी पर लगने वाला डाक शुल्क 29.50 रुपये था. इसलिए मनसा को उम्मीद थी कि डाकघर का कर्मचारी उन्हें 50 पैसे वापस कर देगा. मगर डाकघर में मौजूद क्लर्क ने 50 पैसे वापस नहीं किए.

50 पैसे की लड़ाई में क्या हुआ
जब पीड़ित शख्स मानसा ने अपने बचे हुए पैसे मांगे तो क्लर्क ने बताया कि सिस्टम खुद-ब-खुद राशि को 30 रुपये तक राउंड ऑफ कर देता है. इसके बाद उन्होंने यूपीए के जरिए पैसे देने की पेशकश की, जिसे पोस्ट ऑफिस ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए यूपीआई से पैसे लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद मनसा ने 50 पैसे की लड़ाई लड़ने की ठान ली. मानसा ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज कराई.

पीड़ित ने क्या दलील दी
मनसा ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में अपनी शिकायत में कहा कि इंडिया पोस्ट (भारतीय डाकघर) की रोजाना के लेन-देन को राउंड ऑफ करने की कथित प्रथा से बड़ी मात्रा में पैसे की हेराफेरी हो सकती है. यहां तक ​​कि काला धन और सरकार को जीएसटी राजस्व का नुकसान भी हो सकता है. डाकघर ने कहा कि 50 पैसे से कम की राशि को हमेशा ‘नजरअंदाज’ किया जाता है. साथ ही सॉफ्टवेयर को इस तरह से प्रोग्राम किया गया है कि वह ऐसी किसी भी राशि को निकटतम रुपये में बदल दे.

कस्टमर को अब मिलेंगे 15 हजार रुपए
पीड़ित कस्टमर मनसा को यूपीआई के जरिए भुगतान की अनुमति न देने पर डाकघर ने सफाई दी और कहा कि नवंबर 2023 से ही ‘पे यू’ क्यूआर डिजिटल भुगतान मोड में खराबी आ रही थी. मई 2024 में इसे बंद कर दिया गया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने कहा कि डाकघर ने सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी के कारण ‘अधिक पैसे’ लेने की बात स्वीकार की है. यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(47) के तहत एक अनुचित व्यापार व्यवहार है. इसलिए डाकघर को 50 पैसे के बादले पीड़ित को 15 हजार रुपए देने होंगे.

Tags: Chennai news, Consumer Court, Consumer forum, Post Office

FIRST PUBLISHED :

October 23, 2024, 09:56 IST

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