रिटायर कर्मचारियों के सेवा विस्तार को लेकर युवाओं ने उठाएं गंभीर सवाल!

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कर्मचारियों और अधिकारियों को दिए जाने वाले सेवा विस्तार पर क्या है जनता की राय 

शिमला. कई बाक सरकारें कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों को उनके रिटायर होने के बाद सेवा विस्तार देती है. इसके पीछे कारण कुछ भी हो सकता है, जिसे अक्सर स्पष्ट नहीं किया जाता है,जब भी किसी कर्मचारी या अधिकारी की एक्टेंशन की नोटिफिकेशन आती है, तो इसे लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मच जाता है.अधिकतर युवा इसका विरोध करते हुए नजर आते है. युवाओं का तर्क होता है कि यदि पुराने लोग रिटायर ही नहीं होंगे, तो नई भर्तियां कैसे निकलेंगी और युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा? लोकल 18 ने अधिकारियों और कर्मचारियों की दी जाने वाली एक्सटेंशन पर युवाओं से बात की और इसे लेकर उनका मत जानने का प्रयास किया.

रिटायर लोगों को देनी चाहिए युवाओं को ट्रेनिंग
सौरभ शर्मा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि अधिकारी और कर्मचारियों को पहले से ही सैलरी मिल चुकी होती है और रिटायर होने पर प्रोविडेंट फंड भी मिलता है. ऐसे में उनका बैंक बैलेंस पहले से ही बना होता है. इसलिए युवाओं को मौका मिलना चाहिए. यदि, यह कह कर पुराने लोगों को एक्सटेंशन दिया जाता है कि युवाओं के पास अनुभव नहीं है, तो रिटायर हो चुके कर्मचारियों के माध्यम से युवा कर्मचारी एवं अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. लोक निर्माण विभाग और NHAI में रिटायरमेंट के बाद 7 वर्षों की एक्सटेंशन दी जाती है, जो नहीं मिलनी चाहिए.

पुराने नहीं होंगे रिटायर तो कैसे मिलेगा युवाओं को मौका?
कृष्ण सिंगटा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि एक्सटेंशन दिया जाना बिल्कुल भी ठीक नहीं है.अधिकारी या कर्मचारी लंबे समय तक एक विभाग में कार्य करते है, इसलिए उन्हें हर वीक प्वाइंट पता होते है, ऐसे में यदि एक्टेंशन दिया जाता है, तो भ्रष्टाचार होने की अधिक संभावना रहती है.इसके साथ ही यदि पुराने कर्मचारी या अधिकारी रिटायर ही नहीं होंगे तो युवाओं को मौका कैसे मिलेगा. हिमाचल प्रदेश में कई अधिकारियों को एक्सटेंशन दी गई है, यदि ऐसा चलता रहा तो नई भर्तियां कैसे खुलेगी और नए युवा कैसे आगे आएंगे?.

ओवर बर्डन के कारण भी होती है एक्टेंशन
सानिध्य शर्मा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि अधिकारी या कर्मचारी लीव लेकर पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय आते है. ऐसे में उनकी पोस्ट खाली रहती है और विश्वविद्यालय में जो सीट किसी अन्य युवा को मिल सकती है, वह कर्मचारी या अधिकारी को मिल जाती है. ऐसे में एक कोटा फिक्स होना चाहिए ताकि युवाओं को भी मौका मिल सके. वहीं, अभिषेक ठाकुर ने बताया कि अधिकारियों और कर्मचारियों को एक्सटेंशन नहीं दिया जाना चाहिए, इससे कहीं न कहीं युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पाते हैं. कई बार एक्सटेंशन ओवरबर्डन के कारण भी दी जाती है, लेकिन वह भी ठीक नहीं है.

Tags: Himachal pradesh news, Local18, Public Opinion, Shimla News

FIRST PUBLISHED :

October 23, 2024, 11:49 IST

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