Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:January 29, 2025, 11:25 IST
Ground Report: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में साल 2024 में जो हादसा हुआ, उसके बाद बहुत सारे बदलाव किए गए हैं. हादसे के बाद से बच्चों के पेरेंट्स अभी तक उनकी सुरक्षा की चिंता करते हैं.
राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर
हाइलाइट्स
- ओल्ड राजेंद्र नगर हादसे के बाद ड्रेनेज सिस्टम बनाए गए हैं.
- कोचिंग सेंटर के पास पुलिसकर्मी अभी भी मौजूद हैं.
- पेरेंट्स को बच्चों की सुरक्षा की चिंता होती है.
Ground Report: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके को कोचिंग हब कहा जाता है. मुखर्जी नगर के बाद ओल्ड राजेंद्र नगर दिल्ली का ऐसा इलाका है जहां से देश भर के छात्र-छात्राएं आईएएस-आईपीएस बनने का सपना लेकर के आते हैं. तमाम कोचिंग सेंटर में भारी भरकम फीस देकर दाखिला लेते हैं. लेकिन ये कोचिंग सेंटर छात्र-छात्राओं को सुरक्षा नहीं दे पाते. यही वजह है कि साल 2024 में 27 जुलाई के दिन जो हुआ उसने सबको हैरान कर दिया.
जब ओल्ड राजेंद्र नगर में बनी हुई मशहूर कोचिंग राव के बेसमेंट में पानी भर जाने की वजह से तीन स्टूडेंट की मौत हो गई. जोकि यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे. इसमें एक का नाम तान्या, दूसरी का नाम श्रेया और नेविन था. इसके बाद बड़ा हंगामा हुआ था और कोचिंग सेंटर को सील कर दिया गया था.
हादसे के बाद कितना बदला ओल्ड राजेंद्र
इस हादसे के बाद से लेकर अब तक ओल्ड राजेंद्र नगर में कितना सुधार हुआ है. यही जानने के लिए जब लोकल18 ग्राउंड पर पहुंचा तो पाया कि राव कोचिंग सेंटर के बाहर बैरिकेडिंग अभी भी लगी हुई है. कोचिंग का मामला कोर्ट में चल रहा है. कोचिंग सेंटर के पास पुलिसकर्मी भी अभी तक मौजूद हैं.
कोचिंग हब सन्नाटे में तब्दील
हादसे के बाद ओल्ड राजेंद्र नगर में लंबे वक्त तक सन्नाटा पसर गया था. क्योंकि सभी कोचिंग सेंटर बेसमेंट में चल रहे थे. सभी को बंद कर दिया गया था. कई मशहूर यूपीएससी कोचिंग सेंटर्स ने अपनी कोचिंग को यहां से शिफ्ट कर लिया. जिस वजह से आसपास के बुक स्टोर पर भी काफी प्रभाव पड़ा था.
पेरेंट्स को होती है बच्चों कि चिंता
इस पूरे हादसे के बाद अब इस इलाके में ड्रेनेज सिस्टम बनाया गया है. हालांकि ड्रेनेज सिस्टम यानी जल निकासी जो बारिश के मौसम में कारगर होगा वो तो मौसम आने पर ही पता लगेगा. फिलहाल आसपास के स्टूडेंट से बात की गई तो उसमें आयुष ने बताया कि कई सालों से वह इसी इलाके में रह रहे हैं. हमेशा ही बारिश के मौसम में घुटनों तक का पानी भरता था.
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उन्होंने बताया कि वह उस वक्त जब भी घटना हुई तो मौजूद थे. बेसमेंट में कोचिंग चल रही थी. जबकि बाहर घुटनों तक का पानी भरा हुआ था. एक कार के जाने से बाहर का गेट टूट गया था जिस वजह से पानी काफी तेजी से बेसमेंट में जाकर के भर गया था. पानी गंदा था इस वजह से तीन स्टूडेंट अंदर ही फंस गए. जबकि जो लोग बेसमेंट में आगे की ओर बैठे थे. वो भागने में सफल हो गए थे. आयुष ने बताया कि हादसे के बाद से पेरेंट्स को बच्चों की चिंता होती है.
ड्रेनेज सिस्टम अब बनाए गए हैं
एक और स्टूडेंट गोपाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमेशा ही यहां पर पानी भर जाता था. कोई ध्यान नहीं देता था. लेकिन अब फिलहाल ड्रेनेज सिस्टम बनाए गए हैं. यहां के सभी नालों की सफाई कराई गई है. ताकि दोबारा अब कोई भी हादसा यहां पर न हो.
First Published :
January 29, 2025, 11:22 IST