अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज की ओर से शासन को पत्र भेजे गए हैं.
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीपी भैसोड़ा ने लोकल 18 को बताया कि मेडिकल कॉलेज में जो सुपर स्पेशलिस्ट वाले विभा ...अधिक पढ़ें
- News18 Uttarakhand
- Last Updated : September 22, 2024, 13:14 IST
अल्मोड़ा. उत्तराखंड के पहाड़ खूबसूरत जरूर नजर आते हैं, लेकिन यहां रहना चुनौतियों से कम नहीं है. शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर आए दिन खबरें आती रहती हैं. बात करें अल्मोड़ा जिले की, तो आपको जानकर हैरानी होगी कि जनपद में एक भी दिल का डॉक्टर नहीं है. दरअसल जिले में कार्डियोलॉजिस्ट का पद ही नहीं है, जिस वजह से आज तक किसी कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं हो सकी है. इस वजह से अल्मोड़ा और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज अस्पताल आकर मायूस लौटना पड़ता है और मजबूरन देहरादून या हल्द्वानी का रुख करना पड़ता है. अल्मोड़ा के मेडिकल कॉलेज विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस संबंध में कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं, पर अभी तक इसकी मंजूरी नहीं मिल पाई है.
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीपी भैसोड़ा ने लोकल 18 को बताया कि मेडिकल कॉलेज में जो सुपर स्पेशलिस्ट वाले विभाग हैं, जहां कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन समेत अन्य पद जो खाली हैं, इसके लिए शासन को पत्र भेजा है. आशा है कि जैसे ही स्वीकृति मिलती है, तो उन पदों पर डॉक्टरों की नियुक्ति होने से मरीजों को काफी लाभ मिलेगा.
पहाड़ों के हाल आज भी जस के तस
अल्मोड़ा के रहने वाले हेम तिवारी ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुविधाओं की अगर हम बात करते हैं, तो स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल आज भी वैसे का वैसा ही है. वर्तमान में हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट से मौतों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. कम उम्र के लोग भी दिल संबंधी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. अल्मोड़ा जैसे जिले में कार्डियोलॉजिस्ट के न होने से समस्या और भी बढ़ रही है. उनका मानना है कि जनपद में दिल संबंधी रोगों का विभाग काफी मजबूत होना चाहिए. डॉक्टरों की अच्छी टीम होनी चाहिए ताकि मरीजों को यहीं बेहतर सुविधा मिल सके और उन्हें इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े.
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FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 13:14 IST